मुरादाबाद। कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा ने मणिपुर में हुई हिंसा के खिलाफ कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के गलत निर्णय के चलते हिंसा भड़की है। इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने निर्णय के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।
जिला कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमैन अफजल साबरी के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ता कलक्ट्रेट पहुंचे। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मणिपुर के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधरन ने 16 अप्रैल को संवैधानिक पीठ के फैसले के विरुद्ध राज्य सरकार के लिए निर्देश दिए थे। उन्होंने मैतेयी समुदाय को एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार को सुझाव भेजे। इस निर्देश के बाद से भड़की हिंसा में करीब सौ लोगों से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं। देश की अखंडता के समक्ष खतरे का माहौल व्याप्त हो गया है। एससी और एसटी श्रेणीकरण का अधिकार राष्ट्रपति को है, हाईकोर्ट को नहीं।
मीडिया की खबरों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने भी एमवी मुरलीधरन के फैसले को तथ्यात्मक तौर पर पूरी तरह गलत बताया है। कांग्रेस अल्पसंख्यक सेल के जिला चेयरमैन ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की, ताकि मणिपुर के लोगों में यह भरोसा कायम हो सके। कांग्रेस के नेताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा। कांग्रेस जिलाध्यक्ष असलम खुर्शीद ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर को हिंसाग्रस्त छोड़कर अमेरिका चले गए थे।
वह विश्व पटल पर झूठी झूठी बातें करते हैं। मणिपुर में दो माह से लोग पलायन कर रहे हैं। महानगर चेयरमैन इरशाद हुसैन ने आरोप लगाया कि यह हिंसा भाजपा का प्रायोजित षड्यंत्र है। प्रदर्शन में मोहम्मद अहमद मंडल प्रभारी, अमीरुल हसन जाफरी, भयंकर सिंह बौद्ध, गंगाराम शर्मा, राजेंद्र बाल्मीकि, मो. नाजिम, पार्षद जुनैद, मौअज़म अली, श्याम शरण, आज़म, शहजाद खान, बब्बन खान, बाबर सैफी आदि लोग मौजूद थे।