NCP की लड़ाई पहुंची चुनाव आयोग: अजित पवार धड़े ने ठोका पार्टी-निशान पर दावा, 40 MP-MLA-MLC के समर्थन का दावा

NCP की लड़ाई पहुंची चुनाव आयोग: अजित पवार धड़े ने ठोका पार्टी-निशान पर दावा, 40 MP-MLA-MLC के समर्थन का दावा


महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार की एनसीपी से बगावत के बाद सरगर्मी तेज हो गई है। पार्टी में फूट के बाद शुरू हुई लड़ाई अब एनसीपी पर अधिकार पर आ गई है। चाचा-भतीजे दोनों ने अपने-अपने दावे किए हैं। दोनों का कहना है कि उनके पास सबसे ज्यादा विधायक है। अब पार्टी पर अधिकार की ये जंग चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच गई है। पता चला है कि अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह ने हलफनामे में करीब 40 विधायकों और सांसदों के समर्थन का दावा किया है। इसमें कहा गया है कि पार्टी के ज्यादा विधायक हमारे पक्ष में हैं। इस तरह उन्होंनें पार्टी पर अपना दावा ठोक दिया है। 

‘राकांपा के अध्यक्ष अजित पवार’

अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट की ओर से बुधवार को जारी एक बयान में कहा गया कि चुनाव आयोग को एक हलफनामे के माध्यम से सूचित किया गया है कि उन्हें 30 जून, 2023 को एनसीपी के सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से राकांपा प्रमुख चुना गया था। इस प्रस्ताव पर विधायी और संगठनात्मक दोनों विंग के सदस्यों के हस्ताक्षर थे। इसमें कहा गया है कि प्रफुल्ल पटेल राकांपा के कार्यकारी अध्यक्ष बने रहेंगे।

बयान में यह भी कहा गया है कि एनसीपी ने अजित पवार को महाराष्ट्र विधानसभा में एनसीपी विधायक दल का नेता नियुक्त करने का भी फैसला किया है। इस फैसले को एनसीपी विधायकों के भारी बहुमत से पारित प्रस्ताव द्वारा अनुमोदित भी किया गया है।

जयंत पाटिल की नियुक्ति थी अवैध

चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामें में यह भी कहा गया है कि महाराष्ट्र एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जयंत पाटिल की पहले की नियुक्ति स्पष्ट रूप से अवैध थी। उन्हें एनसीपी के संविधान द्वारा अनिवार्य किसी भी प्रक्रिया का पालन किए बिना नियुक्त किया गया था। 

 इसमें यह भी कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ-साथ पार्टी के अन्य सभी पदाधिकारियों को 10/11 सितंबर 2022 के एक कथित राष्ट्रीय सम्मेलन में नियुक्त किया गया था। ऐसे में ये नियुक्ति अपने आप में अप्रमाणित है। इसमें भाग लेने वाले व्यक्तियों का कोई रिकॉर्ड नहीं है।  

पवार खेमे ने भी दाखिल की कैविएट

चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया है कि भारतीय चुनाव आयोग को अजित पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और पार्टी चिह्न पर दावा करने वाली याचिका मिली है। वहीं, शरद पवार खेमे ने भी चुनाव आयोग के समक्ष एक कैविएट दायर किया है। इसमें अनुरोध किया गया है कि दोनों गुटों में चल रही पार्टी की लड़ाई के संबंध में कोई भी निर्देश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए। साथ ही आयोग को जयंत पाटिल से भी एक चेतावनी मिली है कि उन्होंने 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

सूत्रों का कहना है कि चुनाव आयोग आने वाले दिनों में इन आवेदनों पर कार्रवाई कर सकता है। इसके लिए वह दोनों पक्षों से उसके समक्ष प्रस्तुत संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान करने के लिए कह सकता है।

महाराष्ट्र की सियासत में अब तक क्या-क्या हुआ

एनसीपी में टूट की शुरुआत महाराष्ट्र में विपक्ष के नेता अजित पवार द्वारा रविवार सुबह बुलाई गई एनसीपी विधायकों की आपात बैठक से हुई। यह बैठक तब हुई पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख का पद नहीं मिलने पर उनकी नाराजगी की खबरें चल रही थीं। इससे पहले अजित पवार ने संगठनात्मक जिम्मेदारी मांगते हुए विपक्ष के नेता के पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पवार के आधिकारिक बंगले ‘देवगिरी’ में आयोजित बैठक में एनसीपी के कुल 54 विधायकों में से करीब 40 विधायक शामिल हुए।

अजित ने डिप्टी सीएम की शपथ लेकर सभी को चौंकाया

इसके बाद खबर आई कि अजित पवार राजभवन जाने वाले हैं। हुआ भी कुछ ऐसा ही और उन्होंने दोपहर ढाई बजे शिवसेना-बीजेपी सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इनके साथ एनसीपी के आठ अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने वाले विधायकों में अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप पाटिल, हसन मुश्रीफ, धनंजय मुंडे, धर्माराव अत्राम, अदिति तटकरे, संजय बंसोड और अनिल पाटिल शामिल हैं। 

एनसीपी ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा 

इसके बाद सोमवार को दोपहर में ही महाराष्ट्र एनसीपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा, ‘हमने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष अयोग्यता याचिका दायर की है और हम जल्द से जल्द ठोस दस्तावेज भेजेंगे। यह अयोग्यता याचिका नौ नेताओं के खिलाफ दायर की गई थी। उन्होंने किसी को यह नहीं बताया कि वे वह पार्टी छोड़ रहे हैं। हमने भारत चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा है…हमें विश्वास है कि अधिकांश विधायक एनसीपी में वापस आएंगे।’

शरद पवार ने इन नेताओं को पार्टी से निकाला

इस बीच एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में समर्थन करने के ठीक एक दिन बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के सांसद अमोल कोल्हे सोमवार को शरद पवार खेमे में लौट आए। उन्हों कहा कि अभी और लोग आएंगे। शाम पांच बजे के आसपास राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए सुनील तटकरे और प्रफुल्ल पटेल का नाम एनसीपी पार्टी के सदस्यों के रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया। इसके बाद एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने प्रफुल्ल पटेल, एस.आर. कोहली और सुनील तटकरे को पार्टी से निकाल दिया। इसके अलावा शरद पवार ने सोनिया दूहन को पार्टी के नई दिल्ली केंद्रीय कार्यालय का प्रभारी नियुक्त कर दिया।

महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को

वहीं इसी समय एनसीपी के बागी नेता प्रफुल्ल पटेल ने एलान किया था कि अजित पवार सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया है। उन्होंने कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष होने के नाते मैंने महाराष्ट्र (प्रदेश अध्यक्ष) की जिम्मेदारी सुनील तटकरे को देने का फैसला किया है। अनिल भाईदास पाटिल को हमने फिर से महाराष्ट्र विधानसभा में NCP का मुख्य सचेतक नियुक्त किया है।  

आज हुआ शक्ति प्रदर्शन

वहीं, आज एनसीपी के दोनों धड़ों की बड़ी बैठक हुई है। इस बैठक में अजित पवार के पक्ष में ज्यादा विधायक मौजूद रहे। वहीं, अजित ने चाचा शरद को रिटायर होने की सलाह भी दे डाली। 



Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *