लड़ाई चुनाव चिह्न की
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महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार की बगावत के बाद सरगर्मी तेज हो गई है। पार्टी में फूट के बाद शुरू हुई लड़ाई अब एनसीपी पर अधिकार पर आ गई है। दरअसल, निर्वाचन आयोग में अजित पवार की ओर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और उसके चिह्न पर दावा करने वाली याचिका दायर की गई है। वहीं, शरद पवार खेमे ने भी आयोग के समक्ष एक कैविएट दायर किया है। इस रस्साकशी के बीच चुनाव आयोग पार्टी के चुनाव चिह्न को जब्त कर सकता है। हालांकि, अक्तूबर 2022 में शिवसेना के साथ भी यही हुआ था, जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना का एक धड़ा टूटकर एनडीए में आ गया था।
इन घटनाक्रमों के बीच जानना जरूरी है कि चुनाव चिह्न जब्त करने का नियम क्या है? चुनाव आयोग कैसे तय करता है कि चुनाव चिह्न किसे मिलेगा? उस गुट का क्या होता है जिसे मूल पार्टी का चिह्न नहीं मिलता? अब तक कितने दलों के चुनाव चिह्न जब्त किए जा चुके? आइए जानते हैं…