गोताखोर
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कांवड़ यात्रा के दौरान एक बार फिर मुस्लिम गोताखोर इंसानियत का धर्म निभाते हुए यमुना तट पर तैनात हो चुके हैं। मजहबी दीवारों को तोड़कर एक दशक से शिवभक्तों को डूबने से बचाने वाले इन गोताखारों पर जिले को नाज है। वह यूपी ही नहीं, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब, राजस्थान हर राज्य के कांवड़ियों को डूबने से बचाते हैं। इनका मकसद सिर्फ इंसान की जान बचाना होता है, जिसमें कोई धर्म आड़े नहीं आता है।
कांवड़ यात्रा के दौरान 25 गोताखोर तैनात हैं, और ये सभी मुस्लिम धर्म से हैं। हर साल की तरह इस बार भी ये गोताखोर भोले के भक्तों को बचाने के लिए यमुना तट पर तैनात हो चुके हैं। पिछले दस साल में अब तक 90 से अधिक शिवभक्तों को सकुशल निकालकर सौहार्द की मिसाल कायम कर चुके हैं। पिछले आठ दिन से सभी गोताखोर कैराना पुल के अलावा शामली नहर, बडाैली पुल के पास तैनात होकर पानी में डूबने वालों को बचाने के लिए डटे हुए हैं।