मुरादाबाद। प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव नृपेंद्र मिश्र को अपना रिश्तेदार बताकर ठगी करने वाला आरोपी राजीव मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने वेयर हाउसिंग कारपोरेशन में नौकरी लगवाने के नाम पर तीन युवकों से 22 लाख 35 हजार की ठगी की थी। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया।
भोजपुर के हटहट गांव निवासी जय प्रकाश ने दो मार्च 2023 को मझोला थाने में केस दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया था कि वह मझोला के बैंक काॅलोनी खुशहालपुर में रहता है। जयप्रकाश ने बताया कि उसकी मुलाकात संभल के कोटला सराय तरीन निवासी वसीम और मोहम्मद शरीफ से हुई थी। दोनों ने राजीव मिश्रा नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई थी। आरोपी राजीव ने खुद को प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव नृपेंद्र मिश्र को अपना रिश्तेदार बताया था। आरोपी ने वेयर हाउसिंग कारपोरेशन में नौकरी लगवाने का भरोसा दिया था। आरोपी राजीव ने जयप्रकाश और उनके रिश्तेदार सर्वेश और साथी विकास से 22 लाख 35 हजार रुपये लिए थे। इसके बाद आरोपी ने फर्जी नियुक्तिपत्र भी उन्हें दे दिए थे। जय प्रकाश ने बताया कि वह वेयर हाउसिंग कारपोरेशन के कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि नियुक्तिपत्र फर्जी हैं।
सीओ सिविल लाइंस अर्पित कपूर ने बताया कि आरोपी राजीव मिश्रा गिरफ्तार कर लिया है। मूलरूप कुशीनगर के मोतीपाकड़ निवासी राजीव गौतमबुद्ध नगर के दादरी थाना क्षेत्र के सुपरटेक सिजायर सोसाइटी ओमीक्रॉन में रह रहा था। इससे पहले आरोपी राजीव मुजफ्फरनगर में धोखाधड़ी के मामले में जेल जा चुका है। पुलिस की जांच पड़ताल में सामने आया है कि सीनियर आईएएस नृपेंद्र मिश्र से उसका कोई संबंध नहीं हैं। उनका नाम का इस्तेमाल कर लोगों से ठगी कर रहा था। आरोपी के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।