कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया।
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महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा की पेशकश करने वाली शक्ति योजना पर एक दिन में 8.84 करोड़ रुपये खर्च हुए रविवार को योजना के शुभारंभ के पहले दिन विभाग ने इस मद में 1.40 करोड़ रुपये खर्च किया। केवल दो दिनों में, योजना के तहत कुल खर्च 10.24 करोड़ रुपये हो गया। बता दें कि कांग्रेस ने चुनाव पूर्व किए गए अपने एक प्रमुख वादे के अनुसार यह योजना शुरू की थी।
महिलाओं को मुफ्त बस यात्रा योजना पर खर्च हो सकते हैं 3200 से 3400 करोड़ रुपये सालाना
विभाग की ओर से साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार को कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम ने 3.58 करोड़ रुपये, बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन, जो सिटी बसों का संचालन करता है, ने 1.75 करोड़ रुपये, उत्तर पश्चिम कर्नाटक सड़क परिवहन निगम ने 2.11 करोड़ रुपये और कल्याण कर्नाटक सड़क परिवहन निगम ने 1.40 करोड़ रुपये खर्च किए। एक परिवहन अधिकारी ने समाचार एजेंसी को बताया कि अगर सोमवार के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो इस योजना पर सालाना खर्च 3,200 करोड़ रुपये से 3,400 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
कांग्रेस ने महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा के वादे को किया पूरा
बता दें कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी ने राज्य सरकार की ओर से संचालित बसों के माध्यम से महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा सुनिश्चित करने के अपने वादे को पूरा किया है। इस योजना के तहत राज्य भर में फ्री बस सेवा का लाभ महिलाओं को दिया जाएगा। इसके साथ ही आस-पास के अन्य राज्यों की 20 किलोमीटर की सीमा में भी कर्नाटक सरकार की बसों में यह लाभ दिया जाएगा। कांग्रेस ने चुनाव से पहले राज्य की जनता से पांच वादे किए थे, इन वादों को पार्टी ने पांच गारंटी का नाम दिया था। इन गारंटियों में मुफ्त बस सेवा के अलावा गृह ज्योति योजना, युवा निधि स्कीम, अन्न भाग्य योजना और गृहलक्ष्मी योजना शामिल हैं।