सांकेतिक तस्वीर
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पाकिस्तान में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय और उसकी मस्जिदों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। शनिवार को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी द्वारा हमले की धमकी के बाद पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय की एक मस्जिद की मीनारों को ध्वस्त कर दिया। इसकी जानकारी पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने दी।
उन्होंने कहा कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने शुक्रवार को पुलिस को चेतावनी दी कि पाकिस्तान के पंजाब के जेहलम जिले के काला गुजरान में अहमदियों की मस्जिद मीनारों को नष्ट कर दे नहीं तो हम उस पर हमला कर तबाह कर देंगे। धमकी के बाद शुक्रवार की रात पुलिस की एक टीम ने अहमदियों के पूजा स्थल पर छापा मारा और उसे ध्वस्त कर दिया।
जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान पंजाब के अधिकारी अमीर महमूद ने पीटीआई को बताया कि टीएलपी नेता असीम अशफाक रिजवी ने जेहलम जिल में अहमदी मस्जिदों के खिलाफ एक अभियान शुरू किया है और उसने विभिन्न सार्वजनिक बैठकों में धमकी दी थी कि अगर पुलिस ने 10वीं मुहर्रम (जुलाई के अंत) तक जेहलम में अहमदी स्थानों को नष्ट नहीं किया तो वे उन पर हमला करेंगे। रिजवी ने धमकी दी थी कि कट्टरपंथी इस्लामवादी अहमदी मस्जिदों की ओर मार्च करेंगे और उन्हें नष्ट कर देंगे।
महमूद ने कहा कि अहमदियों की रक्षा करने के बजाय, पुलिस ने नफरत फैलाने वालों और चरमपंथी तत्वों को खुश करने के लिए अहमदियों की मस्जिदों की मीनारों को गिरा दिया। यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है और अहमदी समुदाय के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि 2014 में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल के गठन का आदेश दिया था।