जेएन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़
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बुलंदशहर के खुर्जा क्षेत्र की बोलने-सुनने में असमर्थ 12 वर्षीय गर्भवती बालिका को गर्भपात के लिए बृहस्पतिवार को जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया था, लेकिन अभी तक गर्भपात न हो सका है। रक्त की कमी के चलते शुक्रवार तक उसे रक्त चढ़ाया गया। अब उसके रक्त की जांच की जाएगी। इसके बाद गर्भपात पर फैसला होगा। अगर स्वास्थ्य कारणों से गर्भपात में देरी होती है तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के नियमों के अनुसार हाईकोर्ट में पूरा स्वास्थ्य ब्योरा सोमवार को पेश किया जाएगा। गर्भपात न हो पाने की वजह भी उल्लेखित की जाएगी।
12 वर्षीय की गर्भवती बालिका के संबंध में दुष्कर्म का मुकदमा 15 जून को खुर्जा नगर में दर्ज हुआ। जब यह उजागर हुआ तो बालिका करीब 24 सप्ताह की गर्भवती थी। बाद में उसके परिवार की ओर से उसकी शारीरिक दिव्यांगता व अन्य बीमारियों का हवाला देते हुए पहले जिला प्रशासन के समक्ष और फिर हाईकोर्ट में गर्भपात कराने संबंधी अनुमति अर्जी दायर की गई। इस अर्जी पर पहले हाईकोर्ट ने जेएन मेडिकल कॉलेज में पैनल से बालिका की शारीरिक अवस्था, स्वास्थ्य आदि की जांच के आदेश दिए। इस जांच रिपोर्ट में बोर्ड द्वारा गर्भपात पर सहमति दिए जाने और परिवार की सहमति के बाद गर्भपात के आदेश दिए।
इसी क्रम में बृहस्पतिवार सुबह बुलंदशहर पुलिस उसे यहां लेकर आई। जहां उसे भर्ती कर लिया गया है। उसका उपचार व जांच आदि चल रही हैं। शरीर में रक्त की अधिक कमी होने के चलते लगातार दो दिन उसे रक्त चढ़ाया गया। अब रक्त की जांच की तैयारी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रक्त की जांच के बाद ही गर्भपात पर विचार किया जाएगा। पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता राघव अरोरा ने भी पीड़ित से बातचीत के आधार पर यही जानकारी दी है।