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राष्ट्रीय स्तर पर एनडीए के खिलाफ विपक्षी दलों का गठबंधन बन जाने के बावजूद पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव में उतरेंगी। बीच समझौता नहीं होगा। सूबे में दोनों दलों ने साफ कर दिया है कि राज्य में उनके बीच कोई समझौता नहीं होगा और दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ मैदान में डटे रहेंगे।
पंजाब में आप सरकार के गठन के बाद से ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस निशाने पर रही है। भ्रष्टाचार के मामलों में आप सरकार ने कांग्रेस के कई नेताओं के खिलाफ आपराधिक केस खोल दिए हैं और कांग्रेस के कुछ पूर्व मंत्रियों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है। प्रदेश की भगवंत मान सरकार लगातार पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान भ्रष्टाचार के मामलों को खोल रही है और कांग्रेस के नेता इसे लेकर दबाव में भी दिखाई दे रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस भी आप सरकार के विरोध में लामबंद है। हाल ही में, दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश पर जब आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस आलाकमान से सहयोग मांगा था तो पंजाब कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध जताते हुए आलाकमान से समर्थन नहीं देने की मांग की थी।
मंगलवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पंजाब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठन और आप व कांग्रेस के एक साथ आने पर प्रदेश कांग्रेस का रुख स्पष्ट कर दिया कि पंजाब में कांग्रेस का आप के साथ कोई समझौता नहीं होगा और पार्टी राज्य में अगले लोकसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी।
बाजवा ने कहा कि आप से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। दूसरी ओर, पंजाब आप के मुख्य प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने भी कहा है कि पंजाब में उनकी पार्टी और कांग्रेस के बीच कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही है कि ऐसे मामलों में कांग्रेस को भ्रष्टाचार का हिसाब देना ही होगा।