गोरखपुर में बारिश का इंतजार।
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गोरखपुर में सावन का महीना सूखा-सूखा बीत रहा है। रिमझिम फुहारों की जगह धूल उड़ रही है। सावन में बदरा रुठे हुए हैं। इस वजह से जुलाई माह में औसत बरखा (बारिश) 203 मिलीमीटर हुई है। जो पिछले औसत बारिश 397.4 की अपेक्षा 194.4 मिमी कम है। बृहस्पतिवार को मौसम का अधिकतम तापमान 36.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आर्द्रता 64 फीसदी दर्ज की गई, जबकि बीते 24 घंटे में बारिश नहीं हुई।
सावन माह में धान की रोपाई होती है। इस दौरान थम थमकर रिमझिम फुहारें पड़ती हैं। लेकिन इस बार उड़ीसा के तट पर बने कम दबाव क्षेत्र के प्रभाव से मानसून ट्रफ ने अपनी सामान्य स्थित से दक्षिण की ओर खिसक गया है। इस वजह से मानसून का असर नहीं नजर आ रहा है।
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जानकारों का कहना है कि चक्रवात का प्रभाव उत्तर पश्चिमी बंगाल की खाड़ी और ओडिशा तक सीमित है। इसके कारण दक्षिणी छत्तीसगढ़ व उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश में चक्रवाती गतिविधियों के असर से बरसात हो रही है। उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई प्रभाव नहीं है। इसलिए इधर बारिश नहीं होने पर सितंबर तक वर्षा जारी रहने के आसार बन रहे हैं। बारिश न होने से तेज धूप के बीच उमस भरी गर्मी लोगों को परेशान कर रही है।