जटाशंकर कुशवाहा व समाधि के लिए बनवाया गया चबूतरा
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उन्नाव जिले में नवाबगंज ब्लॉक क्षेत्र के गांव केवाना में वृद्ध का उसकी पत्नी और परिवार से ऐसी अनबन हुई कि उसने बच्चों से मरणोपरांत संस्कार की उम्मीद भी छोड़ दी। मौत से पहले ही खुद अपने हाथों मरणोपरांत होने वाले संस्कार करने की ठान ली। बाल मुंडवाकर अपना पिंडदान किया। अपनी समाधि के लिए पक्का चबूतरा भी बनवा दिया है।
बुधवार को अखंड रामायण का पाठ शुरू कराया। गुरुवार को तेरहवीं है। भोज में नाते-रिश्तेदारों और गांव के लोगों को आमंत्रित किया है। प्रकरण क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। केवाना गांव निवासी जटाशंकर कुशवाहा (59) की पत्नी मुन्नीदेवी और सात बच्चों में पांच बेटे व दो बेटियां हैं। सबसे बड़ी बेटी शैल कुमार की ही शादी हुई अन्य बच्चे अभी छोटे हैं। उसका पत्नी और बच्चों से अक्सर विवाद होता रहता है। परेशान होकर उसने घर-परिवार से नाता तोड़ते हुए खेत में कोठरी बनाकर रहने लगा। बच्चे व पत्नी कभी कभार मिलने भी जाते तो उन्हें आने से मना कर दिया।