मानसून सत्र।
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संसद के मानसून सत्र में मणिपुर हिंसा मामले में हंगामे की बारिश थमने के आसार नहीं हैं। राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में विपक्ष अपने तेवर नरम करने के लिए तैयार नहीं है। सोमवार से शुरू हो रहे सत्र के दूसरे सप्ताह में भी विपक्ष इस मामले में प्रधानमंत्री का बयान कराने की मांग पर अड़ा रहेगा। दूसरी ओर इस मामले में सरकार भी अपने तेवर नरम करने के लिए तैयार नहीं है। सरकार इस मुद्दे पर गृह मंत्री के बयान के बाद अल्पकालिक चर्चा के लिए तैयार है।
सोमवार को इस मुद्दे पर एकजुटता का संदेश देने के लिए कार्यवाही शुरू होने से पूर्व विपक्षी दलों की बैठक होगी। इस बैठक के बाद सभी विपक्षी दलों के नेता संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकाजुन खरगे की अगुवाई में विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स की बैठक में इस मुद्दे पर भावी रणनीति तय की जाएगी। गतिरोध टालने के लिए विपक्ष ने पीएम का बयान कराने, राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह को हटाने और काम रोको प्रस्ताव के तहत दीर्घकालिक चर्चा कराने की मांग रखी है।
सरकार भी तेवर नहीं करेगी नरम
दूसरी ओर इस मुद्दे पर सरकार ने भी अपने तेवर नरम नहीं करने का फैसला किया है। सोमवार को कार्यवाही शुरू होने से पहले पीएम मोदी वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर रणनीति तय करेंगे। सरकार चाहती है कि इस मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा हो। सरकार काम रोको प्रस्ताव के बदले राज्यसभा में नियम 176 के तहत अल्पकालिक चर्चा कराना चाहती है।
पहले अदाणी अब मणिपुर
संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण अदाणी मामले में हंगामे की भेंट चढ़ा था। तब विपक्ष अदाणी समूह के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए जेपीसी गठित करने की मांग पर अड़ गया था। अब मानसून सत्र की शुरुआत ही मणिपुर हिंसा पर हंगामे से हुई है। इसके कारण दोनो सदनों के शुरुआती दो दिनों का कामकाज हंगामे की भेंट चढ़ चुका है।