मनरेगा (फाइल फोटो)
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वित्त वर्ष 2022-23 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत पांच करोड़ से अधिक जॉब कार्ड रद्द कर दिए गए, जो 2021-22 की तुलना से 247 प्रतिशत अधिक है। एक लिखित जवाब में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में यह जानकारी दी।
गिरिराज सिंह ने कहा कि फर्जीवाड़ा, डुप्लिकेट जॉब कार्ड, काम करने की इच्छा नहीं होना, परिवार के ग्राम पंचायत से स्थायी रूप से स्थानांतरित हो जाने या मृत्यु जैसे कारणों से नाम हटाए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 में 1,49,51,247 श्रमिकों के मनरेगा जॉब कार्ड रद्द किए गए थे, जबकि 2022-23 में यह संख्या 5,18,91,168 थी। सबसे अधिक कार्ड पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से रद्द किए गए।
8.75 लाख से अधिक एचयूएफ ने दाखिल किया आयकर रिटर्न: वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि 2022-23 में 8.75 लाख से अधिक हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) ने आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते हुए 3,803 करोड़ रुपये की कटौती का दावा किया। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक जवाब में पिछले पांच वर्षों के दौरान कर लाभ (आयकर अधिनियम के तहत कटौती के रूप में) का लाभ उठाने वाले हिंदू अविभाजित परिवारों (एचयूएफ) की संख्या का विवरण दिया।
इस सवाल पर कि क्या सरकार ने देश में एचयूएफ को कर लाभ पर समान नागरिक संहिता के प्रभाव का आकलन किया है, मंत्री ने कहा कि ऐसा कोई आकलन नहीं किया गया है क्योंकि वर्तमान में ऐसी कोई संहिता लागू नहीं है।