Kuki Meitei Clash
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मणिपुर की जोमी काउंसिल स्टीयरिंग कमेटी (जेडसीएससी) ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। कमेटी नौ कुकी-जोमी जनजातियों का प्रतिनिधित्व करती है। वहीं, मैतेई नागरिक अधिकार संगठन कोकोमी ने केंद्र से आग्रह किया है कि आप कुकी उग्रवादी समूहों के साथ बातचीत न करें।
पीएम को कुकी समुदाय ने लिखा पत्र
मणिपुर में कई दिनों से जारी जातीय संघर्ष के कारण जोमी-कुकी संगठन ने पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन ने पीएम मोदी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्य के आदिवासियों पर हमला किया गया, इसकी एनआईए जांच की जाए। घाटी जिलों में एएफएसपीए के प्रावधानों को लागू करने के लिए कहा ताकि, सेना कानून व्यवस्था का पूर्ण नियंत्रण अपने हाथ में ले सके। पत्र में उन्होंने लिखा कि देश के संवेदनशील राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आपका हस्तक्षेप जरूरी है। राज्य में कानून व्यवस्था का पतन हो गया है, जिस वजह से राष्ट्रपति शासन लागू करना जरूरी हो गया है। जेडसीएससी ने कहा कि सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम को घाटी के सभी जिलों में दोबारा लागू किया जाना चाहिए, जिससे सेना कानून व्यवस्था को नियंत्रित कर सके।
कोकोमी ने की बातचीत न करने की अपील
वहीं, मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति (कोकोमी) ने भी केंद्र सरकार से मंगलवार को आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि कुकी उग्रवादी समूहों के साथ बातचीत न की जाए। कोकोमी ने दावा करते हुए कहा कि राज्य में हुई अव्यवस्था के लिए उनके समिति के सदस्य ही जिम्मेदार है। दावा है कि कुकी उग्रवादी समूहों के सदस्य विदेशी हैं। कोकोमी के संयोजक जीतेंद्र निंगोम्बा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हमें मीडिया से जानकारी मिली है कि बुधवार को भारत सरकार कुकी संगठन से बातचीत कर सकती है। हम इसके खिलाफ हैं। सरकार को कुकी समूहों से बातचीत नहीं करनी चाहिए। कुकी समूह में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं, जिस वजह से वे इसका विरोध करते हैं।
सरकार पर निशाना
नई दिल्ली में कोकोमी के प्रवक्ता अथौबा ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार हिंसा रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रही है। सरकार ने गुजरात दंगों को चार दिनों में नियंत्रित कर लिया था लेकिन मणिपुर जैसे छोटे राज्य में अबतक हालाल क्यों बिगड़े हुए हैं। अथौबा का आरोप है कि असम राइफल्स के जवान उग्रवादियों का समर्थन कर रहे हैं।