मुरादाबाद। प्रादेशिक कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन (पीसीडीएफ) की तरफ से संचालित पराग डेयरी दस साल से लगातार घाटे में चल रही है। वर्तमान प्रबंधक ने स्थिति को सुधारने की कोशिश की लेकिन लंबे समय से घाटे में चल रही इकाई को मुनाफे में तब्दील करना काफी मुश्किल प्रतीत हो गया है। घाटे के चलते इस प्लांट को निजी हाथों में देने की तैयारी चल रही है।
दलपतपुर (मूंढापांडे) में पीसीडीएफ की तरफ से संचालित ऑटोमेटिक ग्रीनफील्ड डेयरी प्लांट अत्याधुनिक हैं। प्लांट के रिटायर्ड कर्मचारी राम किशोर का कहना है कि इस प्लांट की नींव 1962 में रखी गई थी। पहले छोटे स्तर पर काम होता था। धीरे धीरे अत्याधुनिक प्लांट लगने से इसकी क्षमता प्रतिदिन करीब एक लाख लीटर दुग्ध की हो गई। वर्तमान में प्लांट की क्षमता के अनुरूप दुग्ध नहीं मिल पाता है। इसी कारण प्लांट घाटे में चल रहा है। घाटे का कारण प्रोडक्ट का कम बिकना भी है। सहकारिता से जुड़े लोगों ने बताया कि दुग्ध बेचने से अधिक फायदा नहीं होता है। प्रोडक्ट अधिक बिकने से प्लांट को फायदा पहुंचता है। इस बारे में पूछने पर पराग डेयरी के प्रधान प्रबंधक पंकज सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में 40 हजार लीटर दूध उनके पास संभल और मुरादाबाद से आ रहा है। इनमें सात से आठ हजार लीटर दुग्ध प्रोडक्ट के लिए भेजा जाता है। 17 से 18 हजार लीटर दूध पैकेट बनाकर बेचा जाता है। उनको यहां का कार्य भार संभाले छह माह हुए हैं। उन्होंने कम समय में दुग्ध की क्षमता को बढ़ाया है। पिछले एक दशक से प्लांट घाटे में चल रहा है। घाटा करीब 40 करोड़ तक पहुंच गया है। प्लांट को चलाने के लिए हर साल सरकार से अनुदान लेना पड़ता है।
1200 समितियां कर रही हैं काम
जिले में 1200 समितियां गांवों में काम कर रही हैं। इन समितियों में 20 से 30 सदस्य हैं। वे दुग्ध इकट्ठा करते हैं। प्लांट से प्रतिदिन गाड़ी जाती है और कर्मचारी दुग्ध को इकट्ठा कर लाते हैं। वर्तमान समय में 40 हजार लीटर दुग्ध आ रहे हैं लेकिन जाड़े के मौसम में माह जनवरी में 80 हजार लीटर दुग्ध प्रतिदिन मिला था। गर्मी में दुग्ध की कमी हो जाती है।
छह माह से स्थिति में आया सुधार
कर्मचारियों और अधिकारियों की लापरवाही के चलते आधे आउटलेट बंद हो गए थे। स्थानीय लोगों का कहना है कि वर्तमान प्रबंधक ने यहां आने पर बंद पड़े 15 आउटलेट को चालू कराया। अब 35 आउटलेट और अन्य एजेंट काम कर रहे हैं। इसके साथ ही 100 ग्राम की दही और फ्लेवर दूध का प्रोडक्ट संचालित कराया गया है। बाजार में पेड़ा और अन्य मिठाइयां बिक रही हैं। अभी लगातार आउटलेट बढ़ रहे हैं।