सांकेतिक तस्वीर
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मुरादाबाद में दहेज की मांग पूरी नहीं होने पर दूसरी पत्नी की गला घोटकर हत्या करने वाले दोषी पति को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी को 12 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
बिलारी क्षेत्र के स्योडारा निवासी हरिराम ने 6 नवंबर 2016 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें उसने बताया था कि पांच साल पहले उसकी बेटी नीरज ने बिलारी के हरौरा गांव निवासी छत्रपाल से प्रेम विवाह किया था। शादी के बाद से ही छत्रपाल पचास हजार रुपये की मांग करने लगा था। दहेज की मांग पूरी नहीं होने के कारण छत्रपाल नीरज के साथ मारपीट करता था।
इस दौरान नीरज ने तीन बेटियों को जन्म दिया। बावजूद इसके छत्रपाल के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं आया था जबकि छत्रपाल पहले से शादीशुदा था। पहली पत्नी का नाम भी नीरज है। उसके भी चार बच्चे हैं। छत्रपाल ने पहली शादी की बात छिपाकर हरिराम की बेटी से प्रेम विवाह कर लिया था। हरिराम ने आरोप लगाया था कि पांच नवंबर की रात छत्रपाल ने अपनी पहली पत्नी नीरज और मां अतरकली, भाई जगत पाल व अन्य के साथ मिलकर दूसरी पत्नी नीरज की गला घोट कर हत्या कर दी।
इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी पति छत्रपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। साथ ही मुकदमे की तफ्तीश शुरू की। जिसमें आरोपी छत्रपाल के अलावा किसी अन्य का नाम घटना में प्रकाश में नहीं आया। पुलिस ने आरोपी छत्रपाल के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में पेश किया। जिसका मुकदमा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या दो पुनीत कुमार गुप्ता की अदालत में पेश हुआ। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता रंजीत सिंह राठौर ने बताया कि इस मामले में अदालत ने सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए साक्ष्यों के आधार पर आरोपी छत्रपाल को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही दोषी पति पर 12 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया।