आदि विश्वेश्वर के प्राचीन मॉडल के साथ आईआईए के अधिकारी
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इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने ज्ञानवापी का सच सामने लाने की पहल की है। इसी सिलसिले में रविवार (रविवार) को वाराणसी के चौकाघाट स्थित गिरजादेवी सांस्कृतिक संकुल में राष्ट्रीय संगोष्ठी होगी। साथ ही श्री आदि विश्वेश्वर मंदिर के दुर्लभ चित्रों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जनजागरण के लिए स्मारिका का विमोचन किया जाएगा। इसमें ज्ञानवापी से जुड़े तथ्य व साक्ष्यों की फोटो छपेगी। इसे आवश्यकता अनुसार न्यायालय सहित अन्य स्थानों पर प्रस्तुत किया जा सकेगा।
श्री आदि महादेव काशी धर्मालय मुक्ति न्यास के संरक्षक और आईआईए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने बताया कि ज्ञानवापी को 353 वर्ष पहले मुगल शासक औरंगजेब ने ध्वस्त कराया था। साथ ही मंदिर का स्वरूप बदल दिया था। इस तथ्य से जनता को अवगत कराना है। घर-घर तक आदि विश्वेश्वर मंदिर का सत्य पहुंचाना है।
संगोष्ठी में ही मंदिर के प्रतिरूप (मॉडल) का अनावरण किया जाएगा। 50 पेज वाली रंगीन और आकर्षक स्मारिका का विमोचन किया जाएगा। इसमें ज्ञानवापी मंदिर से संबंधित साक्ष्य व तथ्य हैं। उद्यमी राजेश भाटिया, अरुण अग्रवाल, सर्वेश अग्रवाल, आरसी जैन, अनुज डिडवानिया, दीपक बजाज, यूआर सिंह, उमाशंकर अग्रवाल और प्रशांत अग्रवाल सक्रिय सहभागिता निभाएंगे। नीरज पारिख, राहुल मेहता, अरविंद रस्तोगी, मनोज मद्धेशिया, लालबाबू जायसवाल भी तैयारी में हैं।