मुरादाबाद। देश को आजाद हुए 76 साल हो गए। जिले की सूरत बदल गई, लेकिन मुरादाबाद के दरियापुर गांव में विकास की किरण नहीं पहुंची। आजादी के बाद जिले में 16 सांसद और कांठ विधानसभा क्षेत्र मेंं 17 विधायकों ने सत्ता संभाली, फिर भी दरियापुर गांव को जोड़ने वाली चार किलोमीटर की सड़क और पुल कोई नहीं बनवा सका। हर बार इस क्षेत्र की जनता अपने रहनुमाओं द्वारा ठगी जाती है। विकास की मुख्यधारा से कटे इस गांव के लोग हर मौसम में सरकार को कोसते हैं।
कांठ तहसील से करीब 15 किलोमीटर दूर दरियापुर गांव की आबादी लगभग तीन हजार है। आजादी के बाद से ही गांव के लोग एक पुल और सड़क की मांग कर रहे हैं। मुरादाबाद लोकसभा सीट पर 1952 में चुनाव हुआ तो कांग्रेस नेता रामसरन पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद सैयद मुजफ्फर हुसैन (स्वतंत्र), जनसंघ से ओम प्रकाश त्यागी और वीरेंद्र अग्रवाल सांसद बने थे। शफीकुर्रहमान बर्क भी 1996, 1998 और 2004 में सपा से सांसद रह चुके हैं। देश के दिग्गज क्रिकेटर मो. अजहरुद्दीन और भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार मुरादाबाद सांसद का चुनाव जीत चुके हैं। वर्तमान में डॉ. एसटी हसन सांसद हैं, लेकिन कोई दरियापुर गांव की सड़क को बनवा नहीं सका। गांव के लोगों का कहना है कि नेता वोट लेने के लिए आते हैं। सब्जबाग दिखाते हैं और चले जाते हैं। इस गांव के हालात को जानते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता जफर इस्लाम ने 2022 में गोंद लिया था। उस समय सड़क और पुल के प्रस्ताव बनाए गए, लेकिन प्रस्ताव शासन से पास नहीं हो सका। रामगंगा में बाढ़ आने पर गांव के लोग पानी से घिर जाते हैं। छोटे बच्चों को स्कूल जाना दूभर हो जाता है। काफी विषम परिस्थितियों में यहां के बच्चे स्कूल में पढ़ाई करने के लिए बाहर जाते हैं।
1957 में कांठ से पहले विधायक कांग्रेस के थे
1957 में कांठ विधानसभा क्षेत्र के पहले विधायक कांग्रेस नेता जीतेंद्र प्रताप सिंह रहे। इसके बाद दाऊ दयाल खन्ना, जे सिंह (स्वतंत्र) , नौनिहाल सिंह (भारतीय क्रांति दल), 1977 में जनता दल से हरगोविंद सिंह विधायक चुने गए। इसके बाद राम किंशन, समरपाल सिंह, चंद्रपाल सिंह, ठाकुर पाल सिंह, महबूब अली, भाजपा के राकेश कुमार भी विधायक चुने गए थे। 17वें विधायक के रूप में वर्तमान में काठ से विधायक कमाल अख्तर हैं। इसमें से कोई विधायक एक गांव की सड़क बनवाने में कामयाब नहीं हो सका।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने दिया था पुल और रोड बनाने का प्रस्ताव
दरियापुर गांव की स्थिति जानने के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने पुल और सड़क बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। लोनिवि के मुख्य अभियंता अशोक अग्रवाल ने पुल बनाने के लिए 266.85 लाख और सड़क बनाने के लिए 333.85 लाख का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया है। इस मामले में प्रमुख सचिव लोनिवि ने 24 अप्रैल 2023 को बैठक की थी। उन्होंने पुल और सुरक्षात्मक दीवार और रोड निर्माण के लिए कुल 910.66 करोड़ के प्रस्ताव को देखने के बाद सहमति दी। बताया कि इस गांव की सड़क और पुल का निर्माण होने से ग्राम भगवानपुर रैनी, मिलक, बेनीराम,रायभूड़, रफायतपुर,मइलकपुर, सेमली, फजलाबाद, पाइंदापुर, अलियाबाद के गांवों को लाभ मिलेगा। 16 जुलाई को सड़क की आर्थिक समिति ने दरियापुर के मुद्दे पर लोनिवि के अभियंताओं से चर्चा की, लेकिन नौ करोड़ लागत की सड़क को पास नहीं किया।
छात्र छात्राओं को होती है परेशानी
लोनिवि के अभियंताओं ने बताया कि बच्चों को स्कूल जाने के लिए एक ओर रामगंगा नदी पार कर जाना पड़ता है। दूसरी तरफ बू़ढ़ी रामगंगा नदी को पार कर मुरादाबाद लोग आते जाते हैं। बूढ़ी रामगंगा नदी पर लघु पुल निर्माण होने से न्यूनतम दूरी का सीधा मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। इस गांव तक पहुंचने के लिए दो मार्ग हैं। कांठ तहसील से एक मार्ग गेडाजूड़, भगवानपुर रैनी होते हुए 25 किमी दूरी तय कर पहुुंचेगा। दूसरे मार्ग पायदापुर से होते हुए 15 किमी दूर दरियाबाद तक लोग पहुंचते हैं।
पहले भी तैयार हुआ था एस्टीमेट
2022 में भी पुल और सड़क के लिए 9 करोड़ 61 लाख 43 हजार लाख का प्रस्ताव तैयार किया गया था, लेकिन वन विभाग की सहमति नहीं होने के कारण यह प्रस्ताव शासन में धूल फांक रहा है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के प्रस्ताव देने पर दूसरा एस्टीमेट 9 करोड़ 10 लाख 66 हजार का तैयार कराया गया। इस मामले में वन विभाग ने भी सहमति दे दी है।