मुरादाबाद। जीएसटी के नए नियम के अनुसार पांच करोड़ रुपये से अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए एक अगस्त से अब ई इनवॉइस बनाना जरूरी होगा। इसके पहले ई इनवॉइस ऐसे व्यापारियों के लिए लागू था, जिनका टर्नओवर दस करोड़ से अधिक था।
केंद्र सरकार ने जीएसी संग्रह को बढ़ाने के लिए यह नियम लागू किया है। राज्य कर के अधिकारियों का कहना है कि सरकार का मकसद टैक्स चोरी को कम करना है। ई इनवॉइस से बिल बनाने में होनेवाली गलतियों की संभावना कम हो जाती है। ई इनवॉइस बनने के बाद उसमें कोई सुधार नहीं किया जा सकता है। इससे सरकार को माल की बिक्री की जानकारी तुरंत मिल जाती है। ई इनवॉइस द्वारा की गई बिक्री को छिपाया नहीं जा सकता है। सरकार चरणबद्ध तरीके से ई इनवॉइस लागू कर रही है। एक अक्तूबर 2020 में 500 करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक टर्नओवर वाली कंपनियों को लेनदेन के लिए ई-इनवॉइस जनरेट करना अनिवार्य किया गया था।
इसके बाद एक जनवरी 2021 से ई इनवॉइस के लिए टर्नओवर की सीमा को घटाकर 100 करोड़ रुपये कर दी गई। एक अप्रैल 2021 से इसे 50 करोड़ रुपये कर दिया। एक अप्रैल 2022 को 20 करोड़ रुपये कर दिया गया था। एक अक्टूबर 2022 से 10 करोड़ रुपये पर ई इनवाॅइस लागू किया गया। अब एक अगस्त 2023 को पांच करोड़ अधिक टर्नओवर वाले व्यापारियों को ई इनवॉइस बनाना होगा। राज्य कर और जीएसटी के अधिवक्ता गौरव गुप्ता का कहना है कि सरकार भविष्य में ई इनवॉइस टर्नओवर की सीमा को घटा या बढ़ा सकती है। नए नियम के लागू होने पर जिले के लगभग एक हजार व्यापारी इस नियम के दायरे में आ जाएंगे।