ज्ञानवापी
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एएसआई की टीम ने शनिवार को ज्ञानवापी की मौजूदा इमारत की चहारदीवारी के चारों कोनों की नींव देखी। इसके बाद मुख्य गुंबद के भीतरी भाग को देखकर उसकी मैपिंग की। दो अन्य गुंबदों के भीतरी भाग को देखकर उसकी मैपिंग की गई। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के साथ ही उनकी स्कैनिंग कराई। हिंदू पक्ष का दावा है कि गुंबदों पर हाथ मारने से धप-धप की आवाज आती है। ऐसा लगता है कि इसे पुरानी इमारत पर बनाया गया है। इसके निचले हिस्से में अहम साक्ष्य मिलेंगे।
एएसआई की टीम ने इमारत के भीतर की दीवारों और खंभों पर दिखे चिह्नों, लिखावट की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई। डायल टेस्ट इंडिकेटर और डेप्थ माइक्रोमीटर से सतह के साथ ही इमारत के अंदर के अलग-अलग हिस्सों की माप हुई। कांबिनेशन सेंट वर्नियर बैवल प्रोट्रेक्टर की मदद से इमारत के आंतरिक हिस्से की दीवारों, खंभों और छत की माप ली गई।
इसमें बांस से बनीं सीढि़यों का सहारा लिया है, जिसे एएसआई की टीम अपने साथ लेकर ज्ञानवापी परिसर में गई थी। सतह, निर्माण और बनावट की जांच के बाद उपकरणों से जो आंकड़े मिले हैं, उन्हें टोपोग्राफी शीट पर दर्ज की गई है।