गौतम अदाणी
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अदाणी समूह के मुखिया गौतम अदाणी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर बयान जारी किया है। अपने बयान में अदाणी ने कहा कि ‘हिंडनबर्ग रिपोर्ट भ्रामक और निराधार आरोपों पर आधारित थी। रिपोर्ट में जो आरोप लगाए गए वो 2004 से 2015 के बीच के थे और उन्हें उस समय संबंधित अथॉरिटी ने सही कर लिया था। यह रिपोर्ट जानबूझकर हमारी छवि खराब करने की कोशिश थी।’
भारतीय बाजार को अस्थिर करने की कोशिश
अदाणी ने कहा कि रिपोर्ट सामने आने के तुरंत बाद हमने इसका खंडन किया। शॉर्ट सेलर फर्म द्वारा अपने निहित स्वार्थ के लिए इन दावों से फायदा उठाने की कोशिश की। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और विभिन्न समाचारों में भ्रामक कहानी को प्रचारित किया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी का गठन कर मामले की जांच की। मई 2023 में रिपोर्ट सार्वजनिक की गई और इस रिपोर्ट में कोई नियामक गड़बड़ी नहीं मिली। इससे साफ है कि भारतीय बाजार को अस्थिर करने की कोशिश की गई।
एजीएम की बैठक के दौरान कही ये बात
अदाणी समूह की वार्षिक आम सभा (एजीएम) में बोलते हुए कहा कि रिपोर्ट सामने आने के बाद हमने सब्सक्राइब्ड एफपीओ के बावजूद निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उनके पैसे वापस करने का फैसला किया। अदाणी समूह की वार्षिक आम सभा (एजीएम) में बोलते हुए कहा कि रिपोर्ट सामने आने के बाद हमने सब्सक्राइब्ड एफपीओ के बावजूद निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए उनके पैसे वापस करने का फैसला किया। अदाणी समूह के अध्यक्ष ने कहा कि समूह ने अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से कई अरब डॉलर जुटाए हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी क्रेडिट एजेंसी ने समूह की कंपनियों की रेटिंग में कोई कटौती नहीं की।
अदाणी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने भी समूह में कोई खामी नहीं पाई। समूह अपने प्रशासन और प्रकटीकरण मानकों को लेकर आश्वस्त है। अदाणी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कमेटी की रिपोर्ट ने लोगों का समूह पर विश्वास फिर से जमाया।