अडानी समूह
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अमेरिका स्थित प्राइवेट इक्विटी फर्म बेन कैपिटल ने अदाणी समूह की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी अदाणी कैपिटल और अदाणी हाउसिंग की 90 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। इसकी घोषणा 23 जुलाई को की गई। हालांकि मौजूदा प्रबंध निदेशक और सीईओ गौरव गुप्ता के पास बाकी 10 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अदाणी ग्रुप के वित्तीय सेवा कारोबार का कुल मूल्यांकन 1,600 करोड़ रुपये है। वहीं इस समझौते के साथ ही अदाणी परिवार ने अपने बैंकिंग कारोबार में अपनी लगभग सारी हिस्सेदारी बेच दी है। इनको 2017 में लॉन्च किया गया था। रिपोर्ट के मुताबिक, गौरव गुप्ता के नेतृत्व में बेन कंपनी बैकिंग कंपनियों की वृद्धि के लिए अतिरिक्त 983 करोड़ रुपये निवेश करेगी।
गौतम अदाणी ने समझौते पर दिया बयान
अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कहा कि मैं गौरव को उनके इन्वेस्टमेंट बैंकर के दिनों से जानता हूं। उन्होंने कहा कि वह एक एंटरप्रेन्योर बनना चाहते थे और मैंने उसका सपोर्ट किया। उन्होंने न केवल सेमी-अर्बन और ग्रामीण भारत में वंचितों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अच्छा फाइनेंशियल बैंकिंग सर्विसेज बनाया है, बल्कि अदाणी ग्रुप में भी बहुमूल्य योगदान दिया है। मुझे बहुत खुशी हो रही है कि बेन कैपिटल जैसा विश्वसनीय निवेशक अब इसमें कदम रख रहा है और इससे व्यवसाय को यहां से कई गुना बढ़ने में मदद मिलेगी।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयर धड़ाम से नीचे गिरे थे
इस साल जनवरी में शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में आरोप लगाए गए कि अदाणी समूह ने शेयरों में हेराफेरी की और कई सालों तक धांधली की। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद खूब हंगामा हुआ और अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर धड़ाम से नीचे आ गए।
नए प्रोजक्ट पर फोकस कर रहा अदाणी ग्रुप
हालांकि अदाणी समूह ने निवेशकों का भरोसा जितने के लिए कई बड़े कदम भी उठाए। इसके साथ ही अदाणी ग्रुप अपने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बिजनेस पर फोकस कर रहा है, जिसमें मुंबई के बाहरी इलाके में एक नया एयरपोर्ट बनाना भी शामिल है।