AI: कितना ही एडवांस हो जाए एआई, लेकिन इस एक सेक्टर में कभी नहीं कर पाएगा इंसानों को पीछे

AI: कितना ही एडवांस हो जाए एआई, लेकिन इस एक सेक्टर में कभी नहीं कर पाएगा इंसानों को पीछे



Artificial Intelligence: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आने के बाद देश दुनिया में कई बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। यह तकनीक बिजनेस, ई-कॉमर्स, इंटरनेट, सूचना तकनीक, शिक्षा, मनोरंजन से लेकर हर एक सेक्टर को क्रांतिकारी ढंग से प्रभावित कर रही है। इन दिनों चैटजीपीटी, मिड जर्नी से लेकर एडोब फायरफ्लाई आदि कई एआई टूल्स काफी तेजी से वायरल हो रहे हैं। इन एआई टूल्स के आने से उत्पादनशीलता काफी बढ़ी है। एआई आने के बाद हर एक सेक्टर में ऑटोमेशन बढ़ रहा है। गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट की मानें, तो आने वाले कुछ सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव के कारण 300 मिलियंस जॉब्स रिप्लेस हो जाएंगी। वहीं क्या आपको इस बारे में पता है कि एक सेक्टर ऐसा भी है, जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों को पीछे नहीं कर सकता है। आज हम आपको उसी के बारे में बताने जा रहे हैं – 




धर्म की बुनियाद संस्कृति, परंपराओं और कई दूसरे कारकों पर खड़ी होती है। पूजा कराने वाले पुजारी इसी संस्कृति, परंपरा और आस्था के प्रतीक हैं। ऐसे में किसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या रोबोट्स द्वारा इनको रिप्लेस करना काफी मुश्किल काम है। 


हाल ही में जर्नल ऑफ एक्सपेरिमेंटल साइकोलॉजी में प्रकाशित हुई एक स्टडी में ये बताया गया है कि धर्म में एआई का इस्तेमाल करने से विश्वसनीयता खत्म हो सकती है। 


जापाना के क्योटो शहर में मिंदर नाम का एक रोबोट बौद्ध मंदिर में उपदेश देता है। इस रोबोट को बनाने में करीब 10 लाख डॉलर का खर्चा आया है। मिंदर रोबोट के प्रवचन को सुनने वाले 398 लोगों के ऊपर सर्वे हुआ। इस दौरान पाया गया कि जिन लोगों ने इस रोबोट से प्रार्थना सुनी उन्होंने कम दान दिया अपेक्षा उन लोगों के जिन्होंने वास्तविक पुजारी से प्रवचन सुना था।




Source link

Facebook
Twitter
LinkedIn
Pinterest
Pocket
WhatsApp

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *