सत्य प्रकाश शर्मा और उनकी पत्नी रुक्मणि चार सौ किलो वजनी ताले के साथ
– फोटो : रूपेश शर्मा
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अयोध्या के श्रीराम मंदिर के लिए अलीगढ़ के ज्वालापुरी में 400 किलोग्राम वजनी ताला बन कर तैयार हो गया है। यह पहले 300 किलोग्राम का था, मामूली परिवर्तन के बाद इसका वजन 400 किलोग्राम कर दिया गया है। इसको दुनिया का सबसे वजनी ताला भी बताया जा रहा है। अब इसकी साज सज्जा के लिए तीन लाख रुपये की जरूरत पड़ रही है। इसलिए कारीगर ने लोगों से मदद मांगी है। पूरी तरह से तैयार होने के बाद इसे आयोध्या के श्रीराम मंदिर को भेंट कर दिया जाएगा।
तीन फिट चार इंच लंबी चाभी तीस किलोग्राम की
ज्वालापुरी की गली नंबर पांच निवासी ताला कारीगर सत्यप्रकाश शर्मा एवं उनकी पत्नी रुक्मणि शर्मा ने 400 किलोग्राम के इस ताले को तैयार किया है। जिसमें सत्यप्रकाश के साले शिवराज और उनके बच्चों ने भी मदद की है। छह फीट दो इंच लंबे और दो फीट साढ़े नौ इंच चौड़े ताले को बनाने में 65 किलोग्राम पीतल लगा है। तीन फिट चार इंच लंबी इसकी चाभी तीस किलोग्राम की है। इसको बनाने में करीब दो लाख रुपये का खर्च आया है। यह छह माह में बनकर तैयार हो गया था।
नुमाइश में भी रखा गया था ताला
सत्यप्रकाश शर्मा की ख्वाहिश है कि इसे और बेहतर बनाया जाए। पिछले दिनों इसे नुमाइश में भी सजाया गया था। अब नये स्वरूप में तालानगरी के लोग इसे देखकर गर्व महसूस करेंगे। उन्होंने कहा कि तैयार होने के बाद इसे भव्य रूप से दुनिया के सामने लाया जाएगा।
पीतल-स्टील से बेहतरी के लिए चाहिए तीन लाख
इस ताले को लॉकडाउन के दौरान बनाया गया। सत्यप्रकाश के पिता ने भी इसी तरह एक वजनी ताला बनाया था। वह बताते हैं कि इस पर अब तक दो लाख रुपये खर्च हो गए हैं। अब उनके पास धन का अभाव है। अभी तीन लाख रुपये और चाहिए जिससे पीतल व स्टील की नक्काशी होगी। इसमें श्रीराम व हनुमान की मूर्तियां भी लगेंगी। अब चूंकि धन की कमी है, इसलिए सहयोग मांगा गया है। इसे अयोध्या के श्रीराम मंदिर में भेंट करने के लिए वहां के ट्रस्टी चंपतराय से भी बातचीत हो गई है। प्रयास है कि बहुत जल्द इसे तैयार कर अयोध्या भेजा जाए।