Aligarh: खैर के पूर्व चेयरमैन संजीव पर एक और मुकदमा, जमानत पर छूटे थे जेल से, यह है मामला

Aligarh: खैर के पूर्व चेयरमैन संजीव पर एक और मुकदमा, जमानत पर छूटे थे जेल से, यह है मामला



मुकदमा दर्ज।
– फोटो : अमर उजाला।

विस्तार


खैर के पूर्व चेयरमैन संजीव अग्रवाल बिंटू की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ व उनके पूर्व ब्लाक प्रमुख पुत्र दिवाकर की हत्या की सुपारी देने के आरोप में जेल से जमानत पर छूटे संजीव अग्रवाल पर अब एक और मुकदमा दर्ज हुआ है। कोर्ट के आदेश पर यह मुकदमा खैर पुलिस ने पूर्व ब्लाक प्रमुख दिवाकर गौड़ की तहरीर पर दर्ज किया है। जिसमें वैश्य सोसायटी खैर द्वारा संचालित आईटीआई को अपने चेयरमैन कार्यकाल में जमींदोज कराने और कई लाख का माल लूटने का आरोप है।

यह मुकदमा दिवाकर गौड़ ने वैश्य सोसाइटी के उप प्रबंधक की हैसियत से कराया है। जिसमें संजीव अग्रवाल उर्फ बिन्टू, उनके भाई विजय शिवा के अलावा विकास शर्मा उर्फ बौबी, पुनीत कुमार गोविल अज्ञात सरकारी 5-6 जेसीबी मशीन चालक व 02 अज्ञात सरकारी ट्रैक्टर चालकों को आरोपी बनाया है। मुकदमे में उल्लेख है कि पंजीकृत संस्था वैश्य सोसायटी खैर द्वारा कस्बा खैर में स्थित गाटा संख्या 1352 रकवा 3.457 पर है़। 

नोन जेड-ए ऊसर की भूमि को गवर्नमेन्ट यूनाइटिड प्रोविंस उत्तर प्रदेश ने दिनांक 21 फरवरी 1948 को अधिगृहण करके तहसील के सबसे प्राचीनतम और प्रतिष्ठत विद्यालय खैर इंटर कालिज खैर को रजिस्टर्ड लेखपत्र द्वारा दिया गया था। उसी रजिस्ट्री के आधार पर खैर इंटर कालिज खैर के प्रबंधक राजेन्द्र सिंह का नाम राजस्व अभिलेखों में दर्ज हुआ था। इस भूमि पर 5000 वर्गमीटर क्षेत्रफल में खैर आईटीआई का भवन बना हुआ था। 14 जून 2022 को सुबह 7 बजे नामजद लाइसेंसी व अवैध हथियारों सहित आए और आईटीआई के भवन को जमींदोज कर दिया गया। 

इसके बाद भवन में लगे लगभग 4 लाख रुपये की लोहे की किवाड़, लोहे के जंगले आदि के साथ-साथ लगभग 3 लाख रुपये का कीमती सामान खराद मशीन, बैल्डिंग मशीनें, इलेक्ट्रिक मोटरें आदि भी लूटकर ले गए। इससे पहले बाकायदा मार्ग अवरुद्ध किया गया। सूचना पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो न्यायालय की शरण ली। अब न्यायालय के आदेश पर यह मुकदमा दर्ज किया है। खैर ने इस मुकदमे की पुष्टि की है। सीओ खैर राजीव द्विवेदी ने बताया कि अदालत के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया है। 

आठ माह तक जेल में रहे पूर्व चेयरमैन

पूर्व में पूर्व चैयरमेन संजीव अग्रवाल पर कुख्यात बदमाशों को पूर्व विधायक प्रमोद गौड़ व उनके बेटे दिवाकर गौड़ की हत्या की सुपारी देने का आरोप लगा था। जिसमें संजीव अग्रवाल करीब आठ माह जेल रहकर जमानत पर बाहर हैं।  

प्रशासकि स्तर पर कराई गई थी कब्जा मुक्ति:संजीव

पूर्व चेयरमैन संजीव अग्रवाल का कहना है कि आईटीआई भवन सरकारी भूमि पर बना था। वैश्य सोसाईटी ने अवैध कब्जा कर बनाया था। शिकायत पर जांच के बाद प्रशासनिक अधिकारियों भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराकर राज्य सरकार की संपति अभिलेखों में दर्ज कर नगर पालिका को बतौर केयर टेकर सौंपी थी। प्रशासिनक अधिकारियों के होते हुये वह आईटीआई जैसे बड़े भवन को कैसे जमीजोंद कर सकते हैं। पूर्व विधायक उनसे रंजिश मानते हैं। इसी वजह से झूठे आरोप लगाकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। 



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