जीएसटी
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दिल्ली-यूपी के बीच चल रहे माल के अवैध परिवहन के खिलाफ जीएसटी की सचल दल इकाइयों ने छापामार कार्रवाई की। इस दौरान दो वाहनों को ई-वे बिल में गड़बड़ी मिलने पर करीब 38.9 लाख का जुर्माना वसूला। वाहनों में कपड़ा व केमिकल का माल भरा था। कपड़े का ट्रक दिल्ली से पश्चिम बंगाल व केमिकल का ट्रक दिल्ली से कानपुर जा रहा था। ई-वे बिल के आधार पर जब इनकी जांच कराई गई, तो उसमें फर्जीवाड़ा पाया गया।
जीएसटी विभाग के अधिकारियों को तीन दिन पूर्व दिल्ली-यूपी के बीच चल रहे अवैध माल परिवहन की शिकायत मिली थी। जीएसटी एडिशनल कमिश्नर ग्रेड एक आरएन शुक्ला व एडिशनल कमिश्नर एसआईबी ग्रेड दो डॉ. श्याम सुंदर तिवारी के निर्देश पर सचल दल इकाइयों को छापामारी के लिए लगाया गया। इस दौरान दिल्ली से पश्चिम बंगाल जा रहे कपड़े से भरे वाहन यूपी 72 टी, 5860 को अलीगढ़-आगरा हाइवे पर रोका गया।
ई-वे बिल में अंकित वाहन की संख्या अलग थी। ई-वे बिल में दिल्ली से माल लोड दिखाया गया था, जो कोलकाता जाना था। जब जेसी एसआईबी गुलाब चंद्र ने दिल्ली स्थित पते का सत्यापन कराया तो वहां परचून की दुकान पाई गई। वाहन का भौतिक सत्यापन कराने पर उसमें अधिक माल मिला। जांच के बाद फर्म संचालक ने जुर्माना बतौर साढ़े 12 लाख रुपये का जुर्माना जमा कराया।
दूसरे वाहन डीएल 1 जीसी 1860 को दिल्ली से कानपुर जाते समय रोका गया, इसमें केमिकल था। इसमें भी अंकित वाहन संख्या मौके पर मौजूद वाहन संख्या से अलग थी। फर्म को नोटिस जारी कर 25.59 लाख रुपये का अर्थदंड वसूल किया गया। माल परिवहन में गड़बड़ी रोकने के लिए जोन में सभी इकाइयों को अलर्ट पर रखा गया है। दो वाहनों के ई-वे बिल में गड़बड़ियां मिली हैं। जिनसे 38.9 लाख जुर्माना वसूला गया है। ट्रांसपोर्टर जीएसटी एक्ट के तहत ही माल का परिवहन करें।