जेल से छूटने के बाद मौलाना का माला पहनाकर स्वागत
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अलीगढ़ महानगर के देहली गेट क्षेत्र के एक धर्म स्थल पर झाडफ़ूंक के लिए पहुंचीं महिलाओं के धर्म परिवर्तन के आरोप में जेल भेजे मौलवी शुक्रवार को रिहा हो गए। इस मामले में बृहस्पतिवार को पुलिस द्वारा धर्म परिवर्तन की धाराएं हटाए जाने के साथ सिर्फ ठगी की धारा में रिमांड बनवाया। जिसमें न्यायालय से शुक्रवार को जमानत मंजूर कर ली। देर शाम मौलवी की रिहाई कर दी गई। इस दौरान जेल पर मौजूद सपा-बसपा नेताओं ने इसे न्याय की जीत बताया है।
ये है मामला
ये घटना सोमवार की है, जब बारहद्वारी इलाके के धर्म स्थल पर झाडफ़ूंक के लिए आईं महिलाओं के साथ पहुंचे भाजपा युवा मोर्चा के नेताओं ने वहां सवाल जवाब किए। इस दौरान एडीए शाहजमाल के मौलवी हाफिज इकबाल पर धर्म परिवर्तन का आरोप लगाया। इस दौरान महिलाओं ने मौलवी की चप्पलों से पिटाई कर दी। इस मामले में पुलिस ने मौलवी को पकडक़र गिरफ्तार कर लिया और मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया।
मामले में अगले दिन एक वीडियो वायरल होने पर सपा, बसपा के नेता मौलवी के समर्थन में आ गए और झूठा फंसाने का आरोप लगाया। वायरल वीडियो के आधार पर पुलिस ने भी माना कि घटना में धर्म परिवर्तन का आरोप गलत है। इस आधार पर पुलिस ने बृहस्पतिवार को नए सिरे से रिमांड बनवाया और धर्म परिवर्तन की धारा हटा दी।
इस मामले में मौलवी पक्ष से पैरवी कर रहे अधिवक्ता आले नवी ने बताया कि मौलवी के खिलाफ सिर्फ ठगी की धारा पुलिस स्तर से दूसरे रिमांड में लगाई गई। जिस पर जमानत अर्जी दायर की गई। न्यायालय से उसे मंजूर कर लिया और देर शाम रिहाई हो गई। इस दौरान मौलवी ने कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया। वे 2006 से इस धर्म स्थल में इमामत कर रहे हैं। लोग उनके पास अपने दुख दर्द में सिर्फ सिर पर हाथ रखवाने आते हैं। उन्हें साजिश के तहत फंसाया गया। इस मामले में सपा नेता जमीरउल्लाह व बसपा नेता सलमान शाहिद ने भी कहा कि ये न्याय की जीत है।