कांस्य पदक के साथ कनक सिंह जादौन
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युगांडा देश की राजधानी कंपाला में बीते सप्ताह हुई अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता में अलीगढ़ के हरदुआगंज क्षेत्र में शेखा गांव की कनक सिंह जादौन ने कांस्य पदक जीतकर अपने गांव का ही नहीं बल्कि जनपद का नाम भी रोशन किया है। वहीं कनक की इस उपलब्धि पर परिवार के लोग भी प्रसन्नता जता रहे हैं। कनक ने एकल वर्ग स्पर्धा में प्रतिभाग कर यह उपलब्धि हासिल की है। इस प्रतियोगिता में 25 देशों के खिलाड़ियों ने प्रतिभाग किया, जिसमें कनक पैरालंपिक कमेटी ऑफ इंडिया की ओर से भेजी गई टीम में शामिल हुई थीं।
मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है… ये महज चंद लाइनें नहीं हैं, बल्कि संघर्ष और विजय का वो सार है] जिसे जीने और पाने वाले के लिए न तो कोई शारीरिक अक्षमता आड़े आती है न ही कोई दूसरा बहाना उसके सामने टिकता है। ऐसा ही कहानी शेखा गांव की 22 वर्षीय कनक सिंह जादौन की है, जिसका बचपन में ही एक हाथ और दोनों पैर पोलियोग्रस्त हो गया था। शारीरिक अपंगता के साथ-साथ परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। लेकिन कनक के सपने किसी परिस्थिति के मोहताज नहीं थे।
साथ के बच्चों का मजाक बनाना भी उसके हौंसले को डिगा नहीं सका इसलिए खेल प्रतियोगिताओं को लक्ष्य बनाकर कनक एक के बाद एक प्रतियोगिताओं को जीतती चली गई। कनक ने कई अलग-अलग खेलों में स्टेट लेवल पर प्रतिभाग कर विभिन्न मेडल प्राप्त किए हैं। हाल ही में कनक युगांडा देश की राजधानी कंपाला में हुई अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन प्रतियोगिता में कनक एकल वर्ग में खेलकर कांस्य पदक लेकर लौटी हैं। वह लखनऊ से डॉ शकुंतला मिश्रा पुनर्वास महाविद्यालय लखनऊ से स्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षा दे रही हैं।