रामलीला मंचन
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श्री रामलीला गोशाला कमेटी के तत्वावधान में इस बार आठ से लेकर 26 अक्तूबर तक रामलीला का मंचन होगा। इतना ही नहीं करीब पांच साल बाद यहां पश्चिमी उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध सरयू पार की लीला भी अचलताल में होगी। आयोजन को भव्य एवं ऐतिहासिक बनाने के लिए रामलीला कमेटी तैयारियों में जुट गई है।
श्री रामलीला गोशाला कमेटी और श्री रामलीला महोत्सव के अध्यक्ष विमल अग्रवाल ने बताया कि इस बार रामलीला मंचन आठ अक्तूबर से 26 अक्तूबर के मध्य होगी। 12 अक्तूबर को भव्य एवं पारंपरिक तरीके से राम बरात का आयोजन होगा। जिसमें कई नयनाभिराम झांकियां एवं नामी गिरामी बैंड शामिल होंगे। 14 अक्तूबर को ऐतिहासिक सरयू पार की लीला अचल ताल पर होगी।
पांच साल बाद होगी सरयू पार लीला
पिछले पांच साल से यहां सरयू पार की लीला नहीं हो पा रही थी। जबकि एक साल से स्मार्ट सिटी के तहत अचलताल सरोवर के सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। सरयू पार की लीला के आयोजन के लिए डीएम इंद्र विक्रम सिंह एवं मेयर प्रशांत सिंघल से मुलाकात कर चुके हैं। दोनों ने उन्हें सरयूपार की लीला का भव्य तरीके से आयोजन कराने का भरोसा दिया है। उन्होंने कहा है कि लीला शुरू होने से पहले ही अचलताल पर चल रहे कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि देश को स्वतंत्रता मिलने से पूर्व लगभग सौ साल पहले इस रामलीला का श्रीगणेश हुआ था। उन्होंने बताया कि दशहरा के दिन निकलने वाली शोभायात्रा में 100 से अधिक झांकियां एवं 10 बैंड दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि से बुलाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बार श्री आदर्श रामलीला मंडल मथुरा की कमेटी रामलीला का मंचन करेगी। यहां रामलीला में करीब 10 वर्षों से महिला कलाकार भी मंचन कर रही हैं। मंच पर उनका अभिनय देखते ही बनता है। राम वन गमन, सीता हरण आदि लीलाओं का मंचन देख दर्शक भाव से भर उठते हैं।
महोत्सव के अध्यक्ष विमल अग्रवाल ने बताया कि नुमाइश में दशहरा मेले का आयोजन भी पूरी भव्यता के साथ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रामलीला कमेटी के लिए संयोजक अनुज कुमार, संयम पाराशर, आकाश अग्रवाल, विक्रांत गर्ग, ऋषभ गर्ग बनाए गए हैं। इसके अलावा कार्यकारिणी में शामिल अन्य सदस्य भी आयोजन को भव्य बनाने में जुटे हुए हैं।