रोरावर थाना अलीगढ़
– फोटो : फाइल फोटो
विस्तार
प्रेम प्रसंग में विवाह करने वाली जिस बेटी आरती को पिता ने दस वर्ष पहले ही मरा समझ लिया, उसकी हत्या के बाद शव लेने को पिता तैयार न था। किसी तरह पुलिस व मोहल्ले वालों ने समझाकर मनाया, तब वह मुकदमा दर्ज कराने, शव साथ ले जाने और बेटी के बेसहारा बच्चों को साथ ले जाने को तैयार हुआ। इधर, पुलिस ने पिता की तहरीर पर हत्या में मुकदमा दर्ज कर आरोपी पति की सरगर्मी से तलाश शुरू कर दी है। मगर तमाम प्रयास के बाद भी उसका सुराग नहीं मिल रहा है।
मूल रूप से क्वार्सी बेगमबाग का नितिन मित्तल करीब दस वर्ष पहले मोहल्ले की 32 वर्षीय आरती से प्रेम विवाह किया था। तभी से वह दोनों सुरेंद्र नगर में किराये पर रह रहे थे। अब वे रोरावर के सरस्वती विहार में नया मकान किराये पर तलाश रहे थे। इसी क्रम में आरती अपने बच्चों को लेकर वहां अपनी सहेली के घर रुकी थी। बुधवार दोपहर दंपती में मोबाइल को लेकर विवाद हुआ और आरोप है कि नितिन उसकी तमंचे से दो गोलियां मारकर हत्या कर फरार गया।
खबर पर पहुंची पुलिस ने जब युवती के मायके वालों से संपर्क किया तो उन्होंने बेटी का शव लेने, मुकदमा दर्ज कराने और उसके बेसहारा दो बच्चों 9 वर्षीय देवित व 6 वर्षीय अनवित को स्वीकारने तक से इंकार कर दिया। पुलिस के अनुसार पिता ने साफ कह दिया कि जिस बेटी को घर से पांव निकालने पर मरा समझ लिया। अब क्या उसे स्वीकारा जाए। पुलिस ने उसे समझाया। मोहल्ले ने भी दबाव डाला और खुद आरती की मां का भी बेटी के लिए कलेजा फट गया।
तब जाकर पिता मुकदमा कराने व बेटी का शव लेने को तैयार हुआ। इस पर बृहस्पतिवार दोपहर में पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी कराई। फिर किसी तरह रात से पुलिस के पास मौजूद दोनों बच्चे भी आरती के पिता को समझाकर सौंपे गए। चूंकि बच्चों से ही अंतिम संस्कार कराना था। इसलिए वह फिलहाल यह कहकर उन्हें साथ ले गया कि आगे निर्णय लिया जाएगा।