Aligarh News: कन्या सुमंगला की सुस्त रफ्तार, पांच साल में मिले मात्र 15 हजार लाभार्थी

Aligarh News: कन्या सुमंगला की सुस्त रफ्तार, पांच साल में मिले मात्र 15 हजार लाभार्थी



मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


अलीगढ़ जिले में कन्या सुमंगला योजना को लेकर लोगों में खास रुचि देखने को नहीं मिल रही है। पिछले पांच साल में विभाग को लक्ष्य के सापेक्ष बेहद कम आवेदन मिले है। इससे सरकारी योजना की सफलता को लेकर विभागीय अफसरों की चिंता बढ़ रही है। ऐसे में जिले में कन्या सुमंगला योजना परवान नहीं चढ़ पा रही है। इस योजना में मिले लक्ष्य के सापेक्ष तमाम कोशिशों के बाद भी मात्र 15 हजार लाभार्थी ही तलाशे जा सके हैं। सरकार की ओर से गरीब परिवारों में जन्म लेने वाली बेटियों को छह चरणों में 15 हजार रुपये की मदद दी जा रही है। जागरुकता के अभाव में इसकी रफ्तार बेहद सुस्त है।

यह है योजना

प्रदेश सरकार ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं योजना को बढ़ावा देने के लिए गरीब परिवार में जन्म लेने वाली बेटियों की उचित देखरेख एवं उनकी पढ़ाई का खर्च उठाने का निर्णय लेते हुए पांच साल पहले वर्ष 2019 में कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की थी। योजना में बेटी के जन्म के समय दो हजार, एक साल बाद एक हजार, कक्षा एक में दाखिला लेने पर दो हजार, कक्षा छह में दाखिला लेने पर दो हजार, कक्षा नौ में दाखिला लेने पर एक हजार और स्नातक में दाखिला लेने पर पांच हजार रुपये मिलते हैं। 

छह चरणों में करीब 15 हजार रुपये की आर्थिक मदद मिलने के बाद भी लाभार्थी इस ओर रूचि नहीं दिखा रहे हैं। विभागीय अफसरों के तमाम अभियान चलाने के बाद भी लाभार्थी नहीं बढ़ पा रहे हैं। हालांकि अफसरों का दावा है कि योजना में दो बच्चों के नियम के चलते लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। गांव- देहात में अधिकांश परिवारों में दो से अधिक बच्चे होते हैं। ऐसे में आवेदन आने और जांच- पड़ताल के बाद निरस्त कर दिए जाते हैं।

योजना की मुख्य बातें

  • मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में माता- पिता के दो संतान से अधिक नहीं होने चाहिए, जिसमें कन्या को ही लाभ दिया जाता है। किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वां बच्चा होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ अनुमन्य होगा।
  • यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिकाएं हैं एवं द्वितीय प्रसव से दो जुड़वां बालिकाएं होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा।
  • लाभार्थी की वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम होनी चाहिए।
  • लाभार्थी उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिये।
  • बालिका के जन्म पर दो हजार रुपये एक मुश्त प्रदान की जाती है।



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