रिवाल्वर प्रतीकात्मक
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अलीगढ़ की नगर पालिका खैर के पूर्व चेयरमैन संजीव अग्रवाल उर्फ बिंटू के रिवाल्वर के लाइसेंस को जिला प्रशासन ने निरस्त कर दिया है। यह कार्रवाई लाइसेंसधारक के अपराधिक एवं कारतूसों का रिकार्ड उपलब्ध न कराने पर की गई है। पूर्व चेयरमैन पर कोतवाली खैर में गैंगस्टर समेत अलग-अलग मामलों में तीन मुकदमे दर्ज हैं।
इसको आधार बनाते हुए एसएसपी कलानिधि नैथानी ने मार्च- 2023 में पूर्व चेयरमैन संजीव अग्रवाल की रिवाल्वर के लाइसेंस के निरस्तीकरण की संस्तुति करते हुए प्रशासन को एक रिपोर्ट भेजी थी। एडीएम प्रशासन के न्यायालय में शस्त्र अधिनियम के तहत एक वाद दायर हुआ। जिसमें पूर्व चेयरमैन के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करते हुए कि यह पूर्व चेयरमैन की छवि को खराब करने को लेकर झूठे मुकदमे दर्ज कराए गए हैं। सहायक अभियोजन अधिकारी ने इसका विरोध करते हुए कहा कि लाइसेंसधारक की ओर से अपने जवाब में ऐसा कोई ठोस साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया है जिससे यह साफ हो कि मुकदमें झूठे व पार्टीबंदी के आधार पर दर्ज किए गए हैं।
इससे यह स्पष्ट नहीं होता है कि वादी के खिलाफ दर्ज मुकदमों में लाइसेंसी असलाह का प्रयोग न किया गया हो, ऐसे में शस्त्र का दुरुप्रयोग होना लाजिमी है। एडीएम प्रशासन पंकज कुमार ने जारी अपने आदेश में कहा गया है कि आठ अप्रैल 1997 को संजीव अग्रवाल को लाइसेंस जारी किया गया था। तब से लाइसेंसधारक द्वारा काफी संख्या में कारतूस खरीदे गए हैं। कितने कारतूस किस घटना में इस्तेमाल किए गए हैं, इसे स्पष्ट नहीं किया गया है।
प्रथम दृष्टया खरीदे गए कारतूसों का गलत इस्तेमाल संभावित है। एडीएम प्रशासन ने पूर्व चेयरमैन का लाइसेंस निरस्त करते हुए प्रभारी निरीक्षक खैर को आदेश दिए हैं कि वह पूर्व चेयरमैन का लाइसेंसी रिवाल्वर थाने के मालखाने में जमा कराएं।