यूपी पुलिस
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अलीगढ़ के हरदुआगंज में एक माह पहले आईटीआई के छात्रों को बंधक बनाकर पीटने और फीस के रुपये लूटने के मामले में लापरवाही पर एसएसपी ने शुक्रवार देर शाम साधु आश्रम चौकी प्रभारी और दो सिपाहियों को लाइन हाजिर कर दिया है।
30 जून को बड़ा गांव उखलाना निवासी आईटीआई छात्र भवानी प्रताप अपने साथी पिंटू चौहान के साथ बाइक से साधु आश्रम जा रहा था।रास्ते में गांव के ही गोविंद व देव पुत्रगण पवनवीर और जितेंद्र पुत्र नेत्रपाल ने रोक लिया। बाइक की चाबी निकाल कर ईंट-भट्ठे में खींच ले गए, जहां गमछे से दोनों को बांधकर बेल्ट, लात-घूसों से पिटाई की। भवानी की जेब में रखे फीस के आठ हजार रुपए छीन लिए और मोबाइल से पिटाई का वीडियो बना लिया। छात्रों के गिड़गिड़ाने पर वीडियो डिलीट कर मोबाइल लौटा दिया।
एक माह तक पीड़ित कार्रवाई के लिए भटकता रहा, लेकिन चौकी प्रभारी ने अनसुना कर दिया। वहीं, एक अगस्त को आरोपियों ने पिंटू चौहान को फिर पीट दिया। पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस पर पुलिस ने मामूली धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। बाद में मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो मुकदमे में अपहरण की धारा बढ़ा दी गई और नामजद सगे भाइयों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, जबकि एक आरोपी फरार है। इस मामले में एसपी देहात पलाश बंसल ने बृहस्पतिवार को लापरवाही बरतने में जांच बैठा दी थी। शुक्रवार देर शाम एसएसपी कलानिधि नैथानी ने साधु आश्रम चौकी प्रभारी चरन सिंह नागर, सिपाही टेकन सिंह और सिपाही अशोक नेहरा को लाइन हाजिर कर दिया।
मुकदमे में लूट की धारा न बढ़ाने से नाराजगी
पीड़ित भवानी प्रताप का आरोप है कि अधिकारियों के दबाव में पुलिस ने मुकदमे में अपहरण की धारा तो शामिल कर ली लेकिन लूट की धारा नहीं बढ़ाई गई है। इसके लिए वह एसएसपी से मिलकर सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाएगा। कहना है कि आरोपियों के परिजन और फरार आरोपी उसे धमकी दे रहे हैं।