जेल (सांकेतिक तस्वीर)
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उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक (सामान्य चयन) प्रतियोगतात्मक परीक्षा-2018 की पुनर्परीक्षा में मुन्नाभाई किसी सॉल्वर गैंग का हिस्सा तो नहीं। ये सवाल शासन स्तर पर गूंज रहा है। इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए एसटीएफ को लगाया गया है और सासनी गेट से पकड़े गए बिहार के मुन्नाभाई से पूछताछ के आधार पर उसके गैंग तक पहुंचने का प्रयास जारी है। वहीं जिला पुलिस ने दूसरे दिन पकड़े गए 11 मुन्नाभाई बुधवार को जेल भेज दिए। वहीं अब असल अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें लगाई गई हैं।
जिले के 26 केंद्रों पर दो पालियों में सोमवार व मंगलवार ये परीक्षा हुई। जिसमें कुल 24,384 अभ्यर्थी पंजीकृत थे। मगर दोनों दिन सिर्फ 17, 613 ही परीक्षा में शामिल हुए। इस दौरान इनकी बायोमेट्रिक हाजिरी व ऑनलाइन डेटा के आधार पर दो दिन में 20 फर्जी अभ्यर्थियों को दबोचा गया। इन सभी के पास से फर्जी आधार कार्ड व प्रवेश परीक्षा कार्ड आदि मिले। दूसरे दिन यानि मंगलवार को दबोचे गए 11 आरोपी बुधवार को जेल भेजे गए। वहीं उससे पहले के सभी मंगलवार को जेल भेजे गए थे। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत ने बताया कि सिपाही सहित सभी आरोपी जेल भेजे गए हैं। अब उनके मूल अभ्यर्थियों को गिरफ्तार करने के लिए टीमें लगाई गई हैं।
आखिर क्यों नहीं लग पा रही रोक
इस परीक्षा में सेंधमारी के बाद एक सवाल जरूर खड़ा हो रहा है कि हर परीक्षा में इस तरह के गैंग पकड़े जा रहे हैं। पुलिस व एसटीएफ कार्रवाई करती है। मगर इस पर रोक नहीं लग पा रही।
जालौन के सिपाही के खिलाफ दी रिपोर्ट
मुन्नाभाई के रूप में जालौन में तैनात सिपाही जसवेंद्र भी पकड़ा गया है। वह फिरोजाबाद के अपने रिश्तेदार राहुल के स्थान पर परीक्षा देने आया था। उसके विषय में जानकारी मिली है कि वह वर्ष 2016 बैच का सिपाही है। उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके विषय में रिपोर्ट जालौन को भेजी गई है। ताकि वहां उस पर निलंबन व जांच के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई हो सके।
बुधवार को ये भेजे गए जेल
1- इमरान निवासी भदौरा, थाना गहमर जिला (गाजीपुर)
2- समरेश कुमार निवासी सनौर- पंडौल, थाना सकरी, जिला मधुबनी, (बिहार)
3- रोहित कुमार निवासी ग्राम दाहिनी थाना शिकोहाबाद, (फिरोजाबाद)
4- दीपू निवासी भारसर थाना बेला, जनपद सीतामंडी (बिहार)
5- अजय कुमार निवासी पिंडरा, थाना नगला खंगर गजला, (फिरोजाबाद)
6- जसवेंद्र कुमार निवासी भीकनुपर, नारखी (फिरोजाबाद)
7- विकास भारती निवसी शमसारा थाना बेहट, जिला पटना, (बिहार)
8- ओमकांत सिंह निवासी नगला हरिश्चंद्र, थाना टूंडला, (फिरोजाबाद)
9- जितेंद्र निवासी थाना चानन, जिला लखीसराय, (बिहार)
10- प्रमोद कुमार निवासी पिटसरा, थाना अरांव (फिरोजाबाद)
11- रोहित निवासी दाहिनी, शिकोहाबाद, (फिरोजाबाद
तो हरदोई में तैनात शिक्षक चला रहा मुन्नाभाई का रैकेट
ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षकपरीक्षा-2018 की पुनर्परीक्षा में मुन्नाभाइयों का पकड़ा जाना किसी सॉल्वर गैंग की ओर इशारा कर रहा है। एसटीएफ से पूछताछ में पकड़े गए बिहार निवासी मुन्नाभाई समरेश ने ऐसे राज उगले हैं। अभी तक की पूछताछ पर गौर करें तो फिरोजाबाद का रहने वाला संजीव डेढ़ दशक से इस रैकेट को चला रहा है और वह खुद फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हरदोई जनपद में बतौर शिक्षक तैनात है। अभी एसटीएफ पूछताछ कर रही है और संजीव के विषय में जानकारियां जुटा रही है।
गगन कॉलेज परीक्षा केंद्र से एसटीएफ के इनपुट पर सासनी गेट पुलिस ने मंगलवार को बिहार निवासी समरेश को मुन्नाभाई के रूप में पकड़ा था। उसने स्वीकारा कि वह फिरोजाबाद के मटसेना निवासी अभ्यर्थी संजीव कुमार के स्थान पर परीक्षा देने आया है। सूत्रों के अनुसार उसने स्वीकारा है कि यह रैकेट फिरोजाबाद का संजीव चला रहा है। वह हरदोई में शिक्षक है और फर्जी प्रपत्रों के आधार पर नौकरी पाई है। उसने और भी लोगों की इसी तरह नौकरी लगवाई है। संजीव ने ही उसे यहां रुपयों का लालच देकर भेजा था। हालांकि स्थानीय अधिकारी अभी इस तरह की किसी जानकारी से इंकार कर रहे हैं।