यमुना में आई बाढ़
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अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में यमुना में आई बाढ़ से प्रभावित गांव महाराजगढ़, शेरपुर, पखोदना, नगला अमर सिंह में लगातार हालत बिगड़ रहे हैं। लोग गांव छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। अब तक इन गांवों में करीब 6000 बीघा से अधिक धान, बाजरा आदि की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो चुकी है। पशुओं के चारे-खाने तक की समस्या भी पैदा हो गई है। इन गांवों का एक-दूसरे गांवों से संपर्क भी कट गया है। केवल नाव के जरिए से ही लोग एक-दूसरे स्थान पर जा रहे हैं।
अफसर एवं कर्मचारी नाव के जरिए पहुंचकर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करने के साथ ही उन्हें खाद्य सामग्री एवं सूखा राशन, किट आदि उपलब्ध करा रहे हैं। हालांकि रविवार को यमुना का रौद्र रूप कम हुआ। पानी खतरे के निशान से थोड़ा नीचे आ गया है। संभावना है कि अगले कुछ दिन में पानी सामान्य स्थिति में आ जाने से राहत मिलेगी। लेकिन मौसम विभाग अनुसार अगले पूरे सप्ताह बारिश के आसार बने हुए हैं। अगर बारिश हुई तो स्थिति और बदतर हो सकती है।
यमुना नदी खैर तहसील के महाराजगढ़, ऊंटासानी, पखोदना एवं शेरपुर आदि गांवों से निकलती है। हर साल यहां यमुना में आया पानी कहर बरपाता है। छह दिन पहले यहां पर अचानक से जलस्तर बढ़ने लगा। बाढ़ का पानी आसपास के कई गांव के खेतों से होता हुआ आबादी क्षेत्र में पहुंच गया है। निचले स्थानों पर बने घर भी जलमग्न हो गए हैं। पशुओं को चारे आदि की समस्या पैदा हो रही है। प्रशासन की ओर से इन क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों का गठन कर दिया गया है। लेखपाल, सचिव, पशु चिकित्सक एवं चिकित्सा अधीक्षक की तैनाती की गई है। राहत सामग्री का भी वितरण किया जा रहा है। एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने बताया कि जिले में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। रविवार को यमुना का जलस्तर कुछ कम हुआ है। यमुना के साथ ही गंगा के जलस्तर पर नजर रखी जा रही है।
खास बातें
- 199.05 मीटर है यमुना में जलस्तर
- 200.600 मीटर पर यमुना में खतरे का निशान
- 178.54 मीटर है अभी गंगा में जल स्तर
- 178.765 मीटर पर गंगा में खतरे का निशान