सब्जी की दुकान पर लाल-लाल टमाटर
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
अलीगढ़ में बारिश के चलते टमाटर इस कदर लाल हुआ कि रिकार्ड 320 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंचा है। अदरक, हरा धनियां और लहसुन के साथ अन्य सब्जियों के भाव भी तेजी से बढ़ रहे हैं। जिससे रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है। गृहिणियों का कहना है कि उन्होंने जीवन में इससे पहले कभी तीन सौ रुपये किलो में टमाटर खरीदकर नहीं खाया।
आलू की सब्जी अब बिना टमाटर के बन रही है। होटलों में खाने के साथ मिलने वाले सलाद एवं पिज्जा से भी टमाटर गायब हो चुका है। इससे पहले वर्ष 2018 में टमाटर की कीमतें 100 रुपये प्रति किलो तक जा पहुंची थी। इस बार कीमतें 300 के पार तक पहुंच जाने से पिछला रिकार्ड टूट गया है। सब्जी विक्रेता हरपाल ने बताया कि बरसात की वजह से टमाटर बहुत जल्दी खराब हो रहा है। मंडी में इसकी आवक भी कम हो रही है। इस वजह से टमाटर के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
हालांकि शहर के अलग-अलग इलाकों में सब्जियों की कीमतें भी अलग-अलग देखने को मिल रही हैं। सब्जी की कीमतों में भी इलाके और बाजार के हिसाब से अंतर देखा जा रहा है। शहर में ही टमाटर की 270 से लेकर 320 रुपये प्रति किलो की दर से बिक्री हो रही है। मध्यम और निम्न वर्ग की गृहिणियां महंगी सब्जियों से दूरी बनाए हुए हैं। धनीपुर सब्जी मंडी में हरी सब्जियों की थोक की कीमतें बढ़ गई हैं।
आलम यह है कि उनकी कीमतों में दो से तीन गुने तक का अंतर आ गया है। लौकी, आलू, नीबू, खीरा, हरी मिर्च, शिमला मिर्च और तोरई जैसी सब्जियों की कीमतों में दो से तीन गुने का अंतर है। मंडी के थोक रेट और खुले बाजार में ढकेल पर बिकने वाली सब्जियों की कीमतों में भी काफी अंतर देखने को मिल रहा है।