भाई को राखी बांधती बहन
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भाई-बहन के अटूट प्यार का त्योहार रक्षाबंधन बृहस्पतिवार को पूरे उल्लास से मनाया गया। भाइयों ने बहनों से कलाई पर रक्षासूत्र बंधवाकर विशेष उपहार भेंटकर कर उनकी रक्षा का संकल्प लिया। बहनों ने भाइयों की लंबी उम्र की कामना की। बुधवार के बाद दूसरे दिन बहृस्पतिवार को भी शुभ मुहूर्त होने के कारण सुबह से ही बहनें अक्षत, रोली, पुष्प, दीप आदि पूजन सामग्री लेकर पहले मंदिरों में पहुंची। जहां भगवान को राखियां अर्पित करने के बाद उन्होंने भाइयों की विधि विधान से आरती उतारी और राखी बांधकर उनकी दीर्घायु की कामना की।
तमाम स्थानों पर दूसरे धर्मों से जुड़े भाई-बहनों ने भी राखी बांधकर सांप्रदायिक सद्भाव का संदेश दिया। नन्हें-मुन्ने बच्चों में रक्षाबंधन को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला। उन्होंने भी एक-दूसरे को राखी बांधी। बाजारों में काफी चहल-पहल देखने को मिली। महिलाओं ने ब्यूटी पार्लरों में जाकर अपना श्रृंगार कराया और हाथों में मेंहदी लगवाई।
शहर भर में तिराहों-चौराहों पर घेवर मिठाई एवं रंग-बिरंगी राखियों की दुकानें सजी रहीं। रक्षा बंधन से संबंधित गीत बजते रहे। सोशल मीडिया पर भी लोग बधाई देते रहे। कई पर्यावरण प्रेमियों ने पेड़-पौधों को रक्षासूत्र बांधकर प्रकृति की रक्षा का संकल्प लिया। देहात क्षेत्र में महिलाओं ने पुरानी पंरपरा के तहत बागों में जाकर सावन के गीतों एवं मल्हारों के साथ झूला झूला।
पंरपरा को निभाया ससुराल में बूरा खाने पहुंचे लोग
रक्षाबंधन को लेकर देहात क्षेत्र में बूरा खाने की परंपरा आज भी बनी हुई है। शादी के बाद पहली बार रक्षाबंधन पर बूरा खाने के लिए वधु पक्ष से वर पक्ष के लोगों को बूरा खाने के लिए बुलाया जाता है। इसको लेकर बड़ी संख्या में लोग अपनी ससुराल में बूरा खाने पहुंचे।
मेलों का आयोजन
रक्षाबंधन पर शहर के अलावा देहात क्षेत्र में कई स्थानों पर मेलों को आयोजन हुआ। जहां सजे खेल, तमाशों एवं खान-पान की सामग्री की दुकानों पर पहुंचकर लोगों ने खरीदारी कर खूब आनंद उठाया।