सजा
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अलीगढ़ में लोधा क्षेत्र में नौ वर्ष की बालिका संग सौतेले पिता द्वारा दुष्कर्म की दस माह पुरानी घटना में तीन माह चली गवाही के बाद सजा सुना दी गई है। मामले में आरोपी को बीस वर्ष कैद व जुर्माने से दंडित किया है। हाईकोर्ट के निर्देश और मिशन शक्ति अभियान के तहत यह फैसला एडीजे विशेष पॉक्सो सुरेंद्र मोहन सहाय की अदालत ने सुनाया है।
अभियोजन अधिवक्ता एडीजीसी महेश सिंह के अनुसार घटना एक अक्तूबर 2022 की है। मूल रूप से फिरोजाबाद की महिला ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया कि उसकी शादी हाथरस में हुई थी। उस पर एक बेटा व एक बेटी है। घटना से दो साल पहले उसके पति की मौत हो गई। इसके बाद उसने लोधा क्षेत्र के देवकरन से संपर्क होने पर उसके साथ पत्नी के रूप में रहने लगी। घटना वाले दिन वह खेत पर धान पीटने गई थी। तभी आरोपी देवकरन ने उसकी नौ वर्षीय बेटी को कमरे में बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया।
मामले में मुकदमे के आधार पर पुलिस को जेल भेजा गया और चार्जशीट दायर की। न्यायालय में सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर उसे दोषी करार देते हुए बीस वर्ष कैद व तीस हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया है। जिसमें से 35 हजार रुपये पीड़ित को देने के आदेश दिए हैं।
इस तरह पूरी हुई अदालती प्रक्रिया
इस घटना में एक अक्तूबर को मुकदमा दर्ज होने के बाद 30 अक्टूबर को आरोप पत्र दाखिल किया गया। 19 जनवरी को आरोप तय किया गया। इस बीच देवकरन की ओर से हाईकोर्ट में जमानत अर्जी दायर की गई। जिस पर जमानत खारिज करते हुए 19 अप्रैल को चार माह में मुकदमा निस्तारण के आदेश दिए गए। इसके बाद आठ मई को पहले दो गवाह वादी व पीडि़त के बयान हुए। फिर 17 मई को मुकदमा लेखक, 12 जून को विवेचक इंस्पेक्टर, 30 जून को डॉक्टर के बयान हुए। 14 जुलाई को आरोपी के बयान, 20 जुलाई को बचाव पक्ष की गवाही, 28 जुलाई को बचाव पक्ष की गवाही, 2 अगस्त को बहस और 14 अगस्त को सजा सुनाई गई है।