मनोज गौतम
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अलीगढ़ की ओजोन सिटी के सहारे की जमीन का फर्जी तरीके से बैनामा कराने के आरोपों में फंसे नगर निगम के होर्डिंग-यूनीपोल ठेकेदार मनोज गौतम की मुश्किलें कम नहीं हो रहीं। अब इससे संबंधित मुकदमे में पुलिस के आवेदन पर अदालत ने बैनामा कराने के आरोपी मनोज गौतम व बैनामे के एक गवाह कैलाश बघेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट प्राप्त कर लिए हैं। हालांकि पुलिस को यह जानकारी भी मिली है कि मनोज इस मामले में हाईकोर्ट से अपने पक्ष में गिरफ्तारी पर स्टे का आदेश भी ले आया है। मगर आदेश की सत्यापित प्रति पुलिस को नहीं मिली है।
ओजोन सिटी के सहारे की एक जमीन को लेकर ओजोन सिटी के चेयरमैन प्रवीण मंगला व यूनीपोल ठेकेदार मनोज गौतम के बीच विवाद है। प्रवीन मंगला का आरोप है कि इस जमीन का मनोज ने फर्जी महिला को खड़ा कर बैनामा करा लिया, जबकि उस जमीन की असल मालिक/पट्टेदार कोई और है। मनोज पर आरोप है कि उसने महेंद्र नगर की महिला को मालिक दिखाते हुए बैनामा कराया, जबकि असल मालिक केला नगर की है। केला नगर निवासी महिला के बेटे की तहरीर पर मामले में मूल रूप से आगरा निवासी मनोज गौतम, मुकदमे के गवाह कैलाश बेघल व एक अन्य गवाह सुशील राणा (अब मृत) और बैनामा करने वाली महिला राजवती पर मुकदमा दर्ज कराया।
इसकी विवेचना करते हुए पुलिस ने पिछले दिनों दादनपुर की एक महिला जो कि गवाह रहे सुशील राणा की बहन है को जेल भेजा। पुलिस ने जांच में पाया कि बैनामा करने वाली महिला सुमित्रा है, उसने महेंद्र नगर की राजवती बन बैनामा किया। अब इस मामले में आगे साक्ष्य संकलित करते हुए पुलिस ने पिछले दिनों मनोज गौतम व कैलाश बघेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट आवेदन किया।
इंस्पेक्टर महुआ खेड़ा विजय सिंह के अनुसार मामले में अदालत ने मनोज गौतम व कैलाश बघेल के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। मगर साथ में यह भी जानकारी मिली है कि मनोज गौतम ने अपने पक्ष में हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर स्थगनादेश लिया है। मगर अभी उन्हें इस आदेश की सत्यापित प्रति नहीं मिली है। बता दें कि पिछले दिनों यह मामला बेहद सुर्खियों में रहा था। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए थे।