Aligarh News: मच्छर भगाने वाली कॉइल से कमरे में लगी आग, मासूम बच्ची की दम घुटने से मौत, माता-पिता झुलसे

Aligarh News: मच्छर भगाने वाली कॉइल से कमरे में लगी आग, मासूम बच्ची की दम घुटने से मौत, माता-पिता  झुलसे



मच्छर भगाने वाली क्वाइल्स
– फोटो : istock

विस्तार

अलीगढ़ में गांधीपार्क क्षेत्र के डोरी नगर बुद्ध विहार में शुक्रवार रात मच्छर भगाने वाली कॉइल से कमरे में आग लग गई। जिससे डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची की दम घुटने से मौत हो गई। आग बुझाने के प्रयास में माता-पिता भी झुलस गए। दोनों की हालत नाजुक है। पिता को दिल्ली एम्स रेफर किया गया है। शनिवार को पुलिस ने बच्ची के शव का पोस्टमार्टम कराकर परिवार को सौंप दिया।

बुद्धविहार निवासी मनोज वार्ष्णेय मिठाई व दूध विक्रेता हैं। परिवार में पत्नी भावना के अलावा तीन बेटियां थीं, जिनमें से सबसे छोटी जानवी डेढ़ वर्ष की थी। साथ में माता-पिता व छोटा भाई भोला भी रहता है। शुक्रवार शाम माता-पिता कहीं काम से गए थे, जबकि पत्नी रसोई में खाना बना रही थी और मनोज कमरे में सोया हुआ था। इसी दौरान बड़ी बेटी ने मच्छर भगाने वाली कॉइल जलाकर बैड के सहारे रख दी। किसी तरह कॉइल से पहले वहां रखे एक ड्रॉवर में आग लगी और उस आग की चपेट में बैड भी आ गया। बैड पर सबसे छोटी बेटी जानवी सो रही थी। जब आग की लपटें भावना ने देखीं तो उसने सबसे पहले मनोज को जगाया। फिर वे सामान निकालने लगे। बाद में बेटी को बैड से उठाया। मगर तब तक दम घुटने से बच्ची की मौत हो गई। 

आग बुझाने व सामान बचाने में दंपती भी झुलस गए और दम घुटने से उनकी हालत भी बिगड़ गई। आनन-फानन तीनों को मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। जहां बच्ची को मृत घोषित कर दिया गया। मनोज को नाजुक हालत में दिल्ली एम्स रेफर कर दिया गया, जबकि महिला को क्वार्सी के ट्रामा सेंटर में लाया गया। दोनों की हालत नाजुक बनी है। इंस्पेक्टर गांधीपार्क रविंद्र कुमार दुबे के अनुसार बच्ची की मौत दम घुटने से हुई है। माता-पिता की हालत नाजुक है।

बच्ची पर काफी देर बाद गया माता-पिता का ध्यान

जिस वक्त यह दुर्घटना हुई। उस वक्त तक परिवार के किसी सदस्य को अंदाजा न था कि बच्ची उसी बैड पर सो रही है। इसलिए वे सामान बचाने में लगे रहे। मगर जब बच्ची पर ध्यान गया तो वह बेसुध पड़ी थी। इसे देख मां बेहोश हो गई। मगर बच्ची की मौत हो चुकी थी।

मच्छर भगाने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली कॉइल नुकसानदेह होती हैं। इसके धुएं से इनडोर प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। इससे फार्मलाडेहाइड का उत्सर्जन होता है, जो 51 सिगरेट के बराबर होता है। इससे कैंसर तक का जोखिम है। इसके अलावा इसके असावधानी पूर्वक प्रयोग से आग लगने तक का खतरा रहता है। बच्चों को सबसे पहले आंखों में जलन व सिरदर्द की समस्या शुरू होती है। फेंफड़े व सांस की समस्या भी हो जाती है। -डॉ. प्रदीप बंसल



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