सतीश गौतम
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अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम और उनसे करीबियों के नित नए विवाद सामने आ रहे हैं। शुक्रवार को शहर के प्रमुख कारोबारी कसेरे परिवार और सांसद के करीबी संदीप चाणक्य व शल्यराज सिंह के बीच चल रहे जीटी रोड की बेशकीमती जमीन से जुड़े विवाद में नया मोड़ आया है। इस विवाद से जुड़ा एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। जिसमें कसेरे परिवार की बहू की ओर से प्रधानमंत्री को शिकायत की गई है। जिसमें इन सभी से खुद को व परिवार को जान का खतरा बताया है। हालांकि जब पत्र को लेकर जगदीश कसेरे से बात हुईं तो उन्होंने इतना ही कहा कि आरोप तो सहीं हैं, मगर पत्र उन्होंने या बहू ने नहीं भेजा।
70 पेज की पीडीएफ युक्त इस पत्र में बाकायदा सांसद सतीश गौतम के राजनीतिक संरक्षण में काम कर रहे अपराधी व माफिया लोगों के विषय में टाइटल का उल्लेख है। फिर इंडेक्स में पेजवार विवरण दिया गया है। इसके बाद जगदीश कसेरे के छोटे पुत्र राहुल की पत्नी गुंजन वार्ष्णेय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व संघ के सह कार्यवाह कृष्ण गोपाल को संबोधित शिकायत है।
जिसमें उल्लेख है कि किस तरह 2015 में सांसद के करीबी व खुद को पीआरओ बताने वाले संदीप चाणक्य, भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष शल्यराज सिंह ने राहुल से जीटी रोड की आठ करोड़ कीमत की जमीन का इकरारनामा मात्र एक करोड़ दस लाख सात हजार रुपये में कराया। बाद में राहुल को चोरी के आरोप में दिल्ली में जेल भिजवाया। जब मुकदमेबाजी शुरू हुई तो समझौते के नाम पर रुपये लिए। फिर समझौते से मुकरकर मुकदमेबाजी शुरू हुई। फिर जमीन हड़पने का चक्रव्यूह रचा। अब बेटे को उठा ले जाने की धमकी देना शुरू किया। इस पूरे मामले में सांसद के संरक्षण के चलते न्याय नहीं मिल पा रहा। उसे व उसके परिवार को जान का खतरा बना हुआ है। इसमें अगर कुछ होता है तो यही लोग जिम्मेदार होंगे।
इसके बाद दर्ज मुकदमों की एफआईआर प्रति, समाचार पत्रों की पूर्व में प्रकाशित खबरों की कटिंग, समझौते, जांच रिपोर्ट, चेकों की प्रति, पूर्व में प्रवीण मंगला द्वारा की गई शिकायतों की प्रति, उनसे जुड़े मुकदमों की प्रति आदि लगी हैं। सबसे अंत में प्रवीन मंगला, दिनेश अग्रवाल, उपेंद्र गुप्ता, गुंजन वाष्र्णेय, जगदीश कसेरे की ओर से एक शिकायती पत्र लगा है, जिस पर किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं। यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र के विषय में जब जगदीश कसेरे से बात हुई तो उन्होंने कहा कि ऐसा कोई पत्र उन्होंने या उनकी पुत्रवधू ने नहीं भेजा है। मगर पत्र में लगे आरोप सही हैं। अब यह पत्र सोशल मीडिया पर कैसे वायरल हो रहा है। इस विषय में वे कुछ नहीं बता सके।
ये पत्र कौन वायरल कर रहा है, ये जब खुद पीडि़त नहीं बता पा रहे तो इससे साफ समझ में आता है कि अब चूंकि लोकसभा चुनाव की तैयारी है। लोग टिकट की लाइन में हैं। वे नितनए ऐसे प्रकरण लाकर बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं, जबकि यह प्रकरण 2015 का है। एक दिन खुद ही ऐसे लोगों का पर्दाफाश होगा, जो साजिशें रच रहे हैं।-सतीश गौतम, सांसद
आखिर महेंद्र नगर की राजवती को कौन तलाशेगा
अलीगढ़ सांसद के रिश्तेदार मनोज गौतम व ओजोन सिटी विवाद में मनोज गौतम को बैनामा करने वाली फर्जी राजवती यानि सुमित्रा को पुलिस ने जेल भेज दिया। अब पुलिस मनोज व अन्य की भूमिका की जांच कर रही है। मगर एक सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर वह महेंद्र नगर की राजवती कहां है, जिसके नाम से सुमित्रा द्वारा बैनामा करना दिखाया है। लोग कह रहे हैं कि कहीं उसके साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई। उसको सामने लाया जाना भी जरूरी है। लोगों का कहना है कि पुलिस को उस दिशा में भी काम करना चाहिए।