झंडा तैयार करती महिलाएं
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हर घर तिरंगा कार्यक्रम 13 से 15 अगस्त तक होगा। इस बार भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूह के माध्यम से झंडों का निर्माण कराया जा रहा है। शहरी क्षेत्र में राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के साथ ही झंडा उत्पादन इकाईयों, लघु उद्योगों, खादी एवं ग्रामोद्योग, निजी सिलाई केंद्रों, हथकरघा निगम द्वारा झंडों का निर्माण कराया जा रहा है।
शासन के निर्देशानुसार झंडे आयताकार होना चाहिए। लंबाई एवं चौड़ाई में तीन अनुपात दो होना चाहिए। झंडा बनाने के लिए खादी, हाथ एवं मशीन से बने हुए सूती, पॉलिस्टर, ऊनी, सिल्क कपड़े का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद पट्टी में 24 तीलियों वाले अशोक चक्र को प्रिंट करना अनिवार्य है।
तिरंगा फहराने के नियम
प्रत्येक नागरिक को आवास, स्कूल, सरकारी कार्यालयों में झंडा सम्मान के साथ ध्वज संहिता का अनुपालन करते हुए फहराना है। राष्ट्रध्वज फहराते समय केसरिया पट्टी झंडे में ऊपर की ओर होनी चाहिए। झंडा यदि सरकारी परिसर में फहराया जाता है तो सूर्योदय के उपरांत ध्वजारोहण होना चाहिए। सूर्यास्त के साथ पूरे सम्मान के साथ उतारना चाहिए। निजी आवासों एवं प्रतिष्ठानों पर लगाए जाने वाले झंडों को निर्धारित समयावधि के उपरांत पूर्ण आदरभाव एवं सम्मान के साथ उतारकर सुरक्षित रखा जाए। आधा झुका, कटा या फटा झंडा किसी भी दशा में न लगाया जाए।