बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का मुआयना करते राज्य मंत्री अनूप प्रधान आदि
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अलीगढ़ के टप्पल क्षेत्र में यमुना अपना रौद्र रूप दिखाने के बाद अब थमने लगी है। सोमवार को यमुना के जलस्तर में मामूली कमी दर्ज की गई है। पुलिस-प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर रखते हुए सतर्क बना हुआ है। प्रशासन की ओर से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री का वितरण किया जा रहा है।
उधर, शासन स्तर से यमुना की स्थिति को देखते हुए जिले में एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल) की नियुक्ति कर दी गई है। 25 जवानों की टीम ने सोमवार को स्थानीय पुलिस-प्रशासनिक अफसरों के साथ बाढ़ प्रभावित छह गांवों का दौरा कर ग्रामीणों से बातचीत की और वहां के हालात की जानकारी ली। अब यही टीम पीएससी के साथ बचाव (रेस्क्यू) का काम करेगी। संभावना है कि अगले दो-तीन दिन में यमुना का जलस्तर और भी कम हो जाएगा। इससे ग्रामीणों की परेशानियां कुछ कम होंगी। यमुना में बाढ़ से प्रभावित गांव महाराजगढ़, शेरपुर, पखोदना, नगला अमर सिंह मे लगातार हालत बिगड़ रहे हैं।
ग्रामीण यहां से पलायन कर सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं। अब तक इन गांवों में करीब 6000 बीघा से अधिक धान, बाजरा आदि की फसलें पानी में डूबकर बर्बाद हो चुकी है। इन गांवों में पशुओं के चारे-खाने तक की समस्या भी पैदा हो गई है। बाढ़ के चलते पानी के गांव में घुस आने से निचले इलाके के कुछ मकानों में पानी भर गया है, जिससे उनमें दरारें आना शुरू हो गई हैं। कुछ कच्चे मकानों के गिरने की भी जानकारी मिली है। हालांकि इसमें किसी के घायल होने की जानकारी नहीं मिली है। बाढ़ के चलते इन गांवों के आने जाने का रास्ता कट चुका है। जिससे एक-दूसरे गांवों से संपर्क भी कट गया है। केवल नाव एवं स्टीमर के जरिए से ही लोग एक-दूसरे स्थान पर जा रहे हैं।
गांव में अफसर एवं कर्मचारी नाव के जरिए पहुंचकर ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करने के साथ ही उन्हें खाद्य सामग्री एवं सूखा राशन, किट आदि उपलब्ध करा रहे हैं। यमुना का रौद्र रूप रविवार से कम हुआ है और पानी खतरे के निशान से थोड़ा नीचे आ गया है। संभावना है कि अगले कुछ दिन में पानी के सामान्य स्थिति में आ जाने से राहत मिलेगी। यमुना नदी खैर तहसील के महाराजगढ़, ऊंटासानी, पखोदना एवं शेरपुर आदि गांवों के सहारे से निकलती है। हर साल यहां यमुना में आया पानी कहर बरपाता है। एक सप्ताह से यहां पर अचानक से जलस्तर बढ़ने लगा। बाढ़ का पानी आसपास के कई गांव के खेतों से होता हुआ आबादी क्षेत्र में पहुंच गया है। यहां पर चारों तरफ पानी भर गया है। कुछ निचले स्थानों पर बने घर भी जलमग्न हो गए हैं। पशुओं को चारे आदि की समस्या पैदा हो रही है।
एडीएम वित्त एवं राजस्व मीनू राणा ने बताया कि जिले में बाढ़ की स्थिति नियंत्रण में है। यमुना का जलस्तर लगातार कम हो रहा है। उन्होंने बताया कि जिले के करीब 31 किमी क्षेत्र में यमुना नदी गुजरती है। इस नदी में पानी की क्षमता तीन लाख क्यूसेक तक है और खतरे का निशन 200.600 मीटर है। अभी तक पानी खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रहा था। नदी के आसपास के महाराजगढ़, शेरपुर, पखोदना, ऊंटासनी, रामगढ़ी, धारा की गढ़ी, अमर सिंह का नगला आदि गांव बाढ़ की चपेट में आ गए, इससे ग्रामीणों को परेशानी हो रही थी, लेकिन अब जलस्तर में कमी आ रही है। सोमवार को इन क्षेत्रों का जलस्तर मामूली कम हुआ है।
उन्होंने बताया कि नई दिल्ली बैराज से छोड़े गए पानी के अनुसार यमुना का जलस्तर 198.60 मीटर है। जो खतरे के निशान से नीचे है। इसी तरह अब कुल 92 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। चार दिन पहले के मुकाबले आधे से भी कम पानी अब यमुना नदी में रह गया है। गांवों से भी पानी कम होने लगा है। उन्होंने बताया कि गंगा का जलस्तर जरुर खतरे के निशान के आस-पास है। जिससे अतरौली क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति पर प्रशासन की पूरी नजर है।