फर्जी प्रमाण पत्र
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अलीगढ़ में हरदुआगंज कस्बे के ही युवक से प्रेम विवाह करने वाली लड़की की उम्र का निर्धारण होने तक वह नारी निकेतन कानपुर रहेगी। अदालत के आदेश के बाद मंगलवार को लड़की को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया। जहां दोनों पक्षों को सुनने के बाद समिति ने यह निर्णय लिया है। उम्र तय करने की प्रक्रिया के क्रम में तीनों स्कूलों के संचालकों को नोटिस जारी कर दस्तावेजों सहित तलब किया है।
कस्बा की एक लड़की ने जिस युवक से प्रेम विवाह किया है। उसे पुलिस ने प्रेम विवाह के बाद पिता की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा है। वहीं लड़की खुद को बालिग करार देते हुए पहले दिन से अपनी ससुराल में रहने की जिद पर अड़ी है। वहीं उसने अपने माता-पिता से जान को खतरा भी बताया है। पुलिस व उसके माता-पिता की ओर से जन्म के प्रमाण पत्र के संबंध में तीन अलग अलग दस्तावेज पेश किए हैं। इसके बाद से प्रकरण सुर्खियों में है। पहले अदालत स्तर से मामले में सुनवाई की गई। मगर उम्र का सही निर्धारण न होने पर सोमवार को मामले में आदेश दिए कि उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाए।
इसी आदेश के क्रम में मंगलवार को विवेचक ने लड़की को समिति के समक्ष पेश किया। साथ में उसके माता पिता व उसकी सास ने भी अधिवक्ता के माध्यम से लड़की को अपने अपने पक्ष में सुपुर्द करने का अनुरोध किया। इस दौरान जन्म प्रमाण पत्रों पर चर्चा हुई। जिसके बाद समिति ने लड़की का पक्ष सुना। उसने जान का खतरा बताते हुए खुद को बालिग बताकर मां बाप के साथ जाने से कतई इंकार कर दिया। इस दौरान लड़की के अधिवक्ता ने यह दलील भी रखी कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार सबसे पहले स्कूल का प्रमाण पत्र मान्य होता है। उस स्कूल में लड़की ने छात्रवृत्ति भी ली है, इसलिए उसे वैध माना जाए। मगर माता पिता ने नगर निगम व मेडिकल कॉलेज के साक्ष्य रखे।