Amroha: कूबी में महिलाओं का अनोखा आंदोलन, माता की चौकी सजाई फिर किया कीर्तन, बाद में मुआवजे के लिए भूख हड़ताल

Amroha: कूबी में महिलाओं का अनोखा आंदोलन, माता की चौकी सजाई फिर किया कीर्तन, बाद में मुआवजे के लिए भूख हड़ताल




अमरोहा के रजबपुर में आंदोलन करतीं महिलाएं
– फोटो : संवाद

विस्तार


मध्य गंगा नहर के लिए अधिग्रहित हुई जमीन के चार गुना मुआवजे को लेकर महिलाओं का आंदोलन तेज हो गया है। दो दिनों से भूख हड़ताल पर बैठीं महिलाओं ने रविवार को नवरात्र के पहले दिन धरनास्थल पर ही माता की चौकी तैयार कर पूजा अर्चना शुरू कर दी है। अगले आठ दिनों तक वह पूजा अर्चना के साथ प्रशासन के खिलाफ आवाज को बुलंद करेंगी।

यही नहीं उनका कहना है कि प्रशासन के जागने तक अब उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे। साल 2011 में रामपुर घना, कूबी और मोहनपुर के किसानों की जमीन मध्य गंगा नहर के लिए अधिग्रहित की गई थी। प्रशासन ने उस समय किसानों को उसका मुआवजा नहीं दिया।

लेकिन अब सिंचाई विभाग नहर की खोदाई शुरू कराने की योजना बना रहा था, तो किसानों ने वर्तमान सर्किल रेट से चार गुना मुआवजा दिए जाने की मांग की है। इसी मांग को लेकर फरवरी माह से किसान वहां धरना दे रहे हैं। चार गुना मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के उच्चाधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन कोई हल न निकल सका।

किसानों ने चार गुना मुआवजा न दिए जाने की स्थिति में राष्ट्रपति को संबोधित मांग पत्र प्रशासन को सौंपते हुए उन्हें इच्छामृत्यु दिए जाने की मांग की थी। बावजूद किसानों की मांग पर कोई फैसला नहीं हुआ। इसके चलते दो दिन पूर्व महिलाओं ने धरना स्थल पर भूख हड़ताल शुरू कर दी थी।

रविवार को नवरात्र के पहला दिन था तो आंदोलनरत महिलाओं ने मौके पर ही माता की चौकी सजा दी। उन्होंने वहीं पर घंटों तक पूजा अर्चना की। उसके बाद शशिवाला, ललिता शर्मा, राजवती, राजेंद्री और बबीता भूख हड़ताल पर बैठ गईं। महिलाओं का कहना है कि अगले आठ दिनों तक वह यहीं पर मां दुर्गा की पूजा करेंगी।

लेकिन आंदोलन को लेकर उनके कदम पीछे नहीं हटेंगे। प्रशासन उनकी बात नहीं सुन रहा है। जब तक उनकी मांगाें को नहीं माना जाता, वह लगातार आंदोलन करती रहेंगी।

क्या कहती हैं महिलाएं

सोये प्रशासन को जगाने के लिए उनकी भूख हड़ताल जारी रहेगी। धरना स्थल पर ही पूजा पाठ करेंगे और उपवास भी रखेंगे। जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता, वह पीछे नहीं हटेंगे। -सुनीता देवी

जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन की उपेक्षा के चलते घर के बाहर रहकर व्रत रखने को मजबूर होना पड़ रहा है। लेकिन जमीन का सही हक लेने के लिए जो भी करना पड़ेगा, उससे पीछे नहीं हटेंगे। -रेखा देवी

कितना भी कष्ट हो, लेकिन कदम पीछे नहीं हटाएंगे। जमीन का उचित मुआवजा लेकर रहेंगे। प्रशासन को हमारी जमीन का मुआवजा देना होगा। मां दुर्गा से प्रार्थना करेंगे कि प्रशासन की नींद खुल जाए। –मिथलेश देवी

जब तक हमारी जमीन का सही मुआवजा नहीं मिलेगा, हम धरना स्थल से नहीं हटेंगे और न ही नहर की खोदाई होने देंगे। नवरात्रों में माता रानी की पूजा भी यहीं रहकर करेंगे। -निर्दोष देवी

प्रशासन की ओर से लगातार किसानों से बात की जा रही है। चार गुना मुआवजा को लेकर उच्चाधिकारी भी मंथन कर रहे हैं। फिलहाल इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। आंदोलन स्थल पर पहुंचकर महिलाओं से वार्ता की जाएगी। प्रशासनिक स्तर पर जो भी सहयोग होगा, उसे दिलाने का पूरा प्रयास किया जाएगा। प्रतिभा सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट



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