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पूर्व मंत्री मूर्ति के खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज हुई थी। सीएम जगन के अलावा, मूर्ति के खिलाफ पर्यटन मंत्री आर के रोजा के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी का आरोप है।
बंडारू सत्यनारायण
– फोटो : Social Media
विस्तार
आंध्र प्रदेश में इन दिनों तेलुगु देशम पार्टी के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इस बीच गुंटूर पुलिस ने टीडीपी नेता और पूर्व मंत्री बंडारू सत्यनारायण मूर्ति को गिरफ्तार कर लिया। मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस ने पूर्व मंत्री को अनाकापल्ली जिले के वेनेलापालेम गांव स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया है।
पर्यटन मंत्री पर भी लगाए आरोप
जानकारी के अनुसार, पूर्व मंत्री मूर्ति के खिलाफ रविवार को एफआईआर दर्ज हुई थी। सीएम जगन के अलावा, मूर्ति के खिलाफ पर्यटन मंत्री आर के रोजा के खिलाफ भी अपमानजनक टिप्पणी का आरोप है। बता दें, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नाडयू के खिलाफ कार्रवाई से आहत होकर मूर्ति ने सोशल मीडिया पर सीएम के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। पुलिस के मुताबिक पूर्व मंत्री एक वीडियो ट्वीट किया था, जिस वजह से उनपर सार्वजनिक अशांति भड़काने का आरोप लगाया गया है।
#WATCH | Andhra Pradesh: TDP leader Bandaru Satyanarayana arrested over his alleged remarks against Andhra Pradesh CM YS Jagan Mohan Reddy & state tourism minister RK Roja pic.twitter.com/1bIwHTk8JH
— ANI (@ANI) October 2, 2023
दबिश की सूचना मिलते ही पहुंचे कार्यकर्ता
गुंटूर पुलिस ने बताया कि पुलिस की एक टीम ने रविवार रात मूर्ति के घर पर दबिश दी। आरोपी भाग न जाए, इसलिए उसके घर को घेर लिया गया था। जैसे ही टीडीपी कार्यकर्ताओं को दबिश की सूचना मिली, वैसे ही पूर्व मंत्री के घर के बाहर भीड़ लग गई। उन्होंने मिलकर सरकार की आलोचना की। पुलिस को घर में घुसने भी नहीं दिया जा रहा था। आखिरकार सोमवार रात उन्हें पकड़ लिया गया। अब उन्हें मंगलवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
पूर्व सीएम भी पिछले माह हुए थे गिरफ्तार
पिछले माह, आंध्र प्रदेश सीआईजी ने पूर्व मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू को 371 करोड़ रुपये के कौशल विकास घोटाले में गिरफ्तार कर लिया था। अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन्हें शनिवार सुबह करीब छह बजे ज्ञानपुरम में सोते वक्त गिरफ्तार किया था। सीआईडी का दावा है कि नायडू के ही नेतृत्व में मुखौटा कंपनियों के जरिये सरकारी धन को निजी संस्थाओं में हस्तांतरित करने की साजिश रची गई थी।