Asian Games: किशोर से पिछड़ने पर घबराए नहीं थे नीरज, कही यह बात; जानें स्वर्ण और रजत जीतने पर क्या बोले दोनों

Asian Games: किशोर से पिछड़ने पर घबराए नहीं थे नीरज, कही यह बात; जानें स्वर्ण और रजत जीतने पर क्या बोले दोनों


हांगझोऊ एशियाई खेलों में पुरुषों के भाला फेंक में भारत के नीरज चोपड़ा ने स्वर्ण और किशोर जेना ने रजत पर कब्जा जमाया। नीरज ने 88.88 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास से स्वर्ण और किशोर जेना ने 87.54 मीटर के अपने सर्वश्रेष्ठ प्रयास से रजत जीता। 1951 से पुरुषों का भाला फेंक एशियाई खेलों का हिस्सा रहा है। यह 72 वर्षों में पहली बार है जब इस स्पर्धा में भारत के ही दो एथलीट ने स्वर्ण और रजत पर कब्जा जमाया हो। भारत के अब एशियाई खेलों के भाला फेंक स्पर्धा में पांच पदक हो गए हैं। इन दो पदक से पहले 1951 दिल्ली एशियाई खेलों में परसा सिंह ने रजत, 1982 दिल्ली एशियाई खेलों में गुरतेज सिंह ने कांस्य और 2018 जकार्ता एशियाई खेलों में नीरज ने स्वर्ण जीता था। वहीं, ऐसा भी पहली बार है जब एशियाड के पुरुषों के भाला फेंक में भारत ने दो पदक जीते हैं।



स्वर्ण जीतने पर खुश नजर आए नीरज

भारत को एक और स्वर्ण दिलाने के बाद नीरज काफी खुश दिखे। ऑफिशियल ब्रॉडकास्टर्स से बात करते हुए नीरज ने इवेंट के दौरान शुरू में आई तकनीकी खराबी पर बात की। साथ ही किशोर जेना की उपलब्धि पर भी बातचीत की। नीरज ने कहा- आज लग रहा था कि मैं 90 मीटर का आंकड़ा छू लूंगा। हालांकि, पहले थ्रो में गड़बड़ी हुई। मैंने पहला थ्रो काफी अच्छा किया था। अधिकारियों से बहस हुई और काफी तकनीकी गड़बड़ियां हुईं और उस थ्रो को काउंट नहीं किया गया, लेकिन कोई बात नहीं कुल मिलाकर यह इवेंट अच्छा रहा। मैं काफी खुश हूं।


नीरज ने किशोर को लेकर क्या कहा?

नीरज ने कहा- मैं किशोर जेना के लिए और भी ज्यादा खुश हूं। जिस तरह से उन्होंने थ्रो किया और लीड किया। उन्होंने प्रतियोगिता को काफी मजेदार बना दिया। यह पूछे जाने पर कि जब जेना ने आप पर बढ़त हासिल कर ली थी तो आप क्या सोच रहे थे? इस पर नीरज ने कहा- यह एक ऐसा खेल है जिसमें छह थ्रो तक काफी कॉम्पिटीशन होता है। छह थ्रो तक कोई भी ऊपर नीचे हो सकता है और बढ़त हासिल कर सकता है। हालांकि, आपको आखिरी थ्रो तक खुद पर भरोसा रखना होता है कि आप कामयाब हो सकते हैं और जीत हासिल कर सकते हैं। साथ ही इसमें आपका अनुभव भी काफी मायने रखता है, लेकिन किशोर जेना ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और वाकई इस खेल को रोमांचक बना दिया।


किशोर जेना ने रजत जीतने के बाद क्या कहा?

यह पूछे जाने पर कि आज हर बच्चा आप जैसा बनना चाहता है। इसको आप किस तरह से देखते हैं? नीरज ने कहा- यह मेरे लिए बहुत गर्व की बात है कि लोग मुझे अपना आदर्श मानते हैं और मुझ जैसा बनना चाहते हैं। साथ ही मुझ पर इसका दबाव है कि मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन करूं और देश को गौरवान्वित करूं। वहीं, किशोर जेना भी रजत पदक जीतकर बेहद खुश दिखे। यह पूछे जाने पर कि जब आपने नीरज पर बढ़त हासिल की तो कैसे महसूस कर रहे थे? जेना ने कहा- नीरज हमारे आदर्श हैं। उनसे काफी कुछ सीखा और उन्हें खेलते देखकर ही इस खेल को लेकर दिलचस्पी बढ़ी। उन्होंने हमें काफी कुछ सिखाया है। ऐसे में बढ़त हासिल करने से खुशी मिली, लेकिन वह चैंपियन हैं। रजत पदक जीतकर मैं बहुत खुश हूं। 


इवेंट के शुरूआत में ही हुई थी गड़बड़ी

दरअसल, नीरज ने जिस थ्रो के बारे में बात की वह उनका पहला थ्रो था, जिसे रद्द कर दिया गया। उन्हें फिर से पहला थ्रो करना पड़ा था। खेल की शुरुआत में ये गड़बड़ी हुई थी। इसकी वजह से करीब 15 मिनट तक खेल रुका रहा था। सबसे पहले चीनी ताइपे के सुन चेंग चाओ थ्रो के लिए आए, लेकिन उनका थ्रो फाउल रहा। इसके बाद नीरज थ्रो के लिए आए। उन्होंने थ्रो किया, पर उनका स्कोर नहीं बताया गया। इसके बाद कुवैत के अब्दुलरहमान अलाजेमी ने भी थ्रो कर दिया और उनका स्कोर भी नहीं बताया गया। नीरज काफी देर तक अधिकारियों से बात करते हुए दिखाई दिए थे। किसी को नहीं पता था कि क्या हुआ था। एशियाड अधिकारी एक-दूसरे के साथ और नीरज के साथ काफी देर तक बातचीत करते रहे थे। थ्रो के बाद नीरज ने जैकेट पहन लिया था। नीरज इस तरह की गड़बड़ी से खुश नहीं दिखे। उनका पहला थ्रो तकरीबन 87+ मीटर का था, जिसे रद्द कर दिया गया। तकनीकी गड़बड़ी की वजह से नीरज को फिर से पहला थ्रो करना पड़ा था। 




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