अयोध्या को भव्य रुप में विकसित करने की तैयारियां चल रही हैं।
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रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के लिए तैयार हो रही रामनगरी में 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए जारी किए गए टेंडर में मानकों की अनदेखी के आरोप लगने लगे हैं। भाजपा नेता व जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह ने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव से शिकायत कर विकास कार्यों की टेंडर प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप है कि संबंधित फर्म को गलत तरीके से टेंडर दिया गया।
लोक निर्माण विभाग ने 14 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किया था। इस टेंडर में दो फर्मों सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन लिमिटेड और आरएंडसी इंफ्रा इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड ने प्रतिभाग किया। टेंडर में 240 करोड़ रुपये बिड कैपेसिटी की जरूरत थी। आरोप है कि तकनीकी रूप से क्वालीफाई न होने के बावजूद इसे खोल दिया गया।
प्रमुख सचिव को भेजे शिकायती पत्र में कहा गया है कि सीएस इंफ्रा की बिड कैपेसिटी फर्म और विभाग से दर्शाए गए कार्यों के अनुसार 276 करोड़ रुपये की बताई गई है। आरोप है कि लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड की ओर से सीएस इंफ्रा कंस्ट्रक्शन से फैजाबाद-अंबेडकरनगर रोड का कार्य भी कराया जा रहा है। इस कार्य में करीब 129 करोड़ रुपये के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। उसमें से 82 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। करीब 47 करोड़ का काम शेष है। इस काम को फर्म और विभाग ने बिड कैपेसिटी से छिपा लिया। इसको शामिल करने के बाद 276 से 47 करोड़ को घटा दिया जाए तो सीएस इंफ्रा की बिड कैपेसिटी महज 229 करोड़ आ रही है। ऐसे में फर्म की बिड कैपेसिटी 240 करोड़ के सापेक्ष 229 करोड़ होने के कारण फर्म सीएस इंफ्रा तकनीकी रूप से क्वालीफाई नहीं हो रही है।
जिला पंचायत अध्यक्ष रोली सिंह का आरोप है कि यह निविदा खोला जाना अनुचित है। उन्होंने इसमें न्याय किए जाने की मांग की है। जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रतिनिधि आलोक सिंह का कहना है कि प्रतिद्वंद्वी फर्म ने इसकी जानकारी दी। इसके बाद ही शासन को अवगत कराया गया। सीएस इंफ्रा कांस्ट्रक्शन के नागेंद्र सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि टेक्निकल मामला है। इसकी जानकारी प्रोजेक्ट मैनेजर देंगे। प्रोजेक्ट मैनेजर वीरेश प्रताप सिंह का कहना है कि बिड ठीक खोली गई है, आरोप निराधार हैं। शासन से कोई निर्देश आएगा तो देखेंगे।