Baba Bageshwar
– फोटो : Amar Ujala/Sonu Kumar
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बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों दिल्ली और ग्रेटर नोएडा में कथा कर रहे हैं। इस दौरान वह न सिर्फ कथा करते हैं बल्कि अपना दिव्य दरबार भी लगाते हैं। लेकिन दिल्ली और एनसीआर में उनके दिव्य दरबार में लगने वाली अर्जियों में इस बार एक नए तरह का रिकॉर्ड बनता जा रहा है। जानकारी के मुताबिक बागेश्वर धाम के दरबार में जो अर्जियां लग रही हैं, उसमें ‘कथा की अर्जी’ भी खूब लगाई जा रही हैं। बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार में लगने वाली कथा की अर्जी का मतलब उनको अपने शहर, क्षेत्र या इलाके में रामकथा के लिए आमंत्रित करना और दिव्य दरबार लगाने की गुजारिश करना होता है। सबसे अहम बात यह है कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा कराने के लिए करोड़ों रुपये का खर्च आता है और दिल्ली एनसीआर में इस तरीके की कथा करवाने वालों की फिलहाल बागेश्वर धाम के दरबार में लाइन लग रही है। बागेश्वर धाम से जुड़े लोगों के मुताबिक उनके पास इतनी अर्जी आई हैं अगर वह सभी को स्वीकार कर लें, तो दिल्ली में अगले साल तक हर महीने राम कथा और दिव्य दरबार लग सकता है। जानकारों के मुताबिक बागेश्वर धाम की कथा और दिव्य दरबार के दौरान लाखों के भीड़ इकट्ठा होती है। चुनावी दौर में बागेश्वर धाम की कथा में जुड़ने से सियासी लोगों का मकसद भी हल होता दिखता है। इसलिए जानकार मान रहे हैं कि चुनाव के दौरान बागेश्वर धाम की कथा सबसे ज्यादा डिमांड में रहने वाली है।
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दिल्ली-एनसीआर के लोग कराना चाहते हैं बागेश्वर धाम की कथा
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में कथा कर रहे हैं। आयोजकों का दावा है कि उनकी कथा को सुनने के लिए रोजाना दो से तीन लाख लोगों की भी भीड़ पहुंच रही है। जानकारी के मुताबिक दिल्ली के पटपड़गंज इलाके में हुई तीन दिवसीय कथा और गाजियाबाद में हुई एक दिवसीय कथा के दौरान धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास तकरीबन एक दर्जन से ज्यादा अर्जियां राम कथा की लग चुकी हैं। बागेश्वर धाम और दिल्ली में आयोजन कराने वालों से जुड़े लोगों का कहना है कि इनमें से ज्यादातर लोग दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कथा कराने के इच्छुक हैं। इसके अलावा गुड़गांव, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, पानीपत, सोनीपत, पलवल, मथुरा, वृंदावन और अलीगढ़ समेत कई और इलाकों में बागेश्वर धाम का आयोजन कराने के लिए उनके दिव्य दरबार में पहुंच रहे हैं। हालांकि जानकारी के मुताबिक बागेश्वर धाम के पास पहुंची कथा की अर्जियों में उन्होंने फिलहाल किसी को स्वीकारोक्ति तो नहीं की है। लेकिन सूत्रों का कहना है कि अगले एक साल के भीतर दिल्ली एनसीआर और आसपास के इलाकों में कुछ कथाओं के आयोजन किए जा सकते हैं।
करोड़ों रुपये का खर्चा आता है कथा के आयोजन पर
जानकारी के मुताबिक बागेश्वर धाम की कथा कराने और उनके दिव्य दरबार को सजाने में करोड़ों रुपये का खर्चा आता है। बावजूद इसके दिल्ली एनसीआर के लोग बागेश्वर धाम की कथा कराने के लिए लाइन लगाकर खड़े हुए हैं। बागेश्वर धाम की कथा आयोजन से जुड़े जिम्मेदार लोगों का कहना है कि वैसे बागेश्वर धाम के दरबार में हर तरह की लोग अर्जियां लेकर आते हैं। इसमें उनकी समस्याएं और बागेश्वर धाम से निराकरण की एक उम्मीद होती है। लेकिन दिल्ली एनसीआर में लोग उन अर्जियों के साथ-साथ करोड़ों रुपये खर्च करके कथा की अर्जी लगाने के लिए पहुंच रहे हैं। दिल्ली में ग्रेटर नोएडा में हो रही कथा के आयोजन समिति से जुड़े लोगों का कहना है कि बागेश्वर धाम की एक दिन की कथा के लिए जितने वाली भीड़ के मुताबिक करोड़ों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। इस में आने वाले लोगों के लिए खाने-पीने से लेकर टेंट, मंच, पंडाल, लाइट, कैमरा, सुरक्षा आदि तक का खर्चा होता है। जानकारी के मुताबिक बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास कथा की अर्जी लगाने वालों में अब तक गुड़गांव से दो, मथुरा-वृंदावन से तीन, सोनीपत पानीपत और पलवल से एक एक और दिल्ली से चार अलग अलग लोगों ने बागेश्वर धाम के दिव्य दरबार में कथा पर्ची लगाई।
दिल्ली के दिव्य दरबार में दूसरे लोगों के राज्यों ने लगाई अर्जी
जानकारी के मुताबिक तीन दिन तक दिल्ली में चले दिव्य दरबार के दौरान कथा की अर्जी लगाई गई हैं, उनमें कुछ तो देश के अलग-अलग राज्यों से आए प्रमुख व्यापारियों की ओर से लगाई गई हैं। जबकि कुछ सामाजिक संगठनों और अपरोक्ष रूप से राजनीतिक दलों से ताल्लुक रखने वालों ने भी लगाई हैं। इसमें से कुछ लोग यूपी, बिहार, मध्यप्रदेश और राजस्थान से ताल्लुक रखते हैं। राजनीति को करीब से समझने वालों का मानना है कि बागेश्वर धाम की कथा से जिस तरीके से राजनीतिक दलों की सियासी राह आसान हो रही है। उसी वजह से चुनाव नजदीक आते ही बागेश्वर धाम की कथा की मांग बढ़ती जा रही है। जानकारों का मानना है कि चुनावों के दौरान बागेश्वर धाम की कथा की मांग अभी और बढ़ेगी। दिल्ली में बागेश्वर धाम की कथा कराने के इच्छुक अनूप गोयल कहते हैं कि वह बाबा के दरबार में अर्जी लेकर जाना चाह रहे हैं, लेकिन अभी उनका नंबर नहीं आया है। अनूप कहते हैं कि किसी राजनीतिक पार्टी से बिल्कुल ताल्लुक नहीं रखते हैं। उनका मकसद लोगों को सनातन धर्म से जोड़ना है। इसीलिए वह ग्रेटर नोएडा में लगने वाले बागेश्वर धाम के दरबार में कथा अर्जी लेकर जाएंगे।
क्या बागेश्वर धाम की कथा से सेट होता है सियासी तौर पर एजेंडा!
सियासत की समझ रखने वालों का कहना है कि बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा और उनके प्रवचनों के दौरान भाजपा के मुताबिक एजेंडा सेट होता है। राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र वाजपेई कहते हैं कि हिंदुत्व की राह पर चलने वाली भाजपा को धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की कथा से सियासी एजेंडे भी सेट होता है और उनकी राजनीतिक विचारधारा भी मेल खाती है। वह कहते हैं कि यही वजह है कि बिहार में हुई बागेश्वर धाम की कथा के दौरान भाजपा के कई बड़े नेताओं से लेकर मंत्री और सांसदों तक ने न सिर्फ हाजिरी लगाई, बल्कि बागेश्वर धाम की आरती तक उतारी थी। धर्मेंद्र कहते हैं कि दिल्ली भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वर्तमान सांसद मनोज तिवारी ने तो पटना एयरपोर्ट से लेकर होटल और कथा स्थल तक बागेश्वर धाम गाड़ी भी चलाई। वह दिल्ली में भी बागेश्वर धाम की कथाओं में लगातार साथ में बने हुए हैं। सियासी जानकार कहते हैं कि दिल्ली में जिस तरीके से बागेश्वर धाम ने अपनी कथा के दौरान मुफ्त में मिलने वाली चीजों पर हमला बोला, वह अपरोक्ष रूप से आम आदमी पार्टी पर बोला गया हमला देखा जा रहा है। सियासी जानकारों का कहना है कि बागेश्वर धाम की कथा से बहुत हद तक भाजपा का सियासी एजेंडा सेट होता है।