ओडिशा रेल दुर्घटना
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ओडिशा के बालासोर में तिहरे ट्रेन हादसे की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों ने गुरुवार को इस बात की जानकारी दी। हालांकि, अभी रिपोर्ट के निष्कर्ष के संबंध में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। रेलवे बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों ने रिपोर्ट के निष्कर्षों पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
वहीं, दो जून को, बालासोर जिले में तीन ट्रेनों के आपस में टकराने से हुए भीषण में हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 293 पहुंच गई है। बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय पासिंग लूप में घुस गई और एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। इसके बाद बेंगलुरु-हावड़ा एक्सप्रेस भी पटरी पर पलटे डिब्बों से टकरा गई थी।
सीआरएस जांच के अलावा, सीबीआई भी इस रेल हादसे की जांच कर रही है। दुर्घटना के बाद रेलवे ने दक्षिण पूर्व रेलवे के कई शीर्ष अधिकारियों को स्थानांतरित कर दिया है। प्रारंभिक जांच में रेल दुर्घटना के संभावित कारण के रूप में लापरवाही से या इरादे से सिग्नल से हस्तक्षेप की बात सामने आई थी।
मनीष कुमार ने इलाज के दौरान तोड़ा दम
बालासोर ट्रेन दुर्घटना में घायल 24 वर्षीय मनीष कुमार ने गुरुवार को कटक के एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इसके बाद हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 293 हो गई। मनीष बिहार के पूर्वी चंपारण जिले का रहने वाला था। उसका अस्पताल के सेंट्रल आईसीयू में इलाज चल रहा था, गुरुवार दोपहर करीब 1.30 बजे मनीष की मौत हो गई। मनीष को गंभीर चोटों के कारण तीन जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि 22 अन्य घायल यात्रियों का सरकारी एससीबीएमसीएच में इलाज चल रहा है, जिनमें से पांच आईसीयू में हैं और 17 विभिन्न वार्डों में भर्ती हैं। वहीं, अभी 81 शवों को उनके परिवार के सदस्यों को सौंपा जाना बाकी है, इन शवों को एम्स भुवनेश्वर में संरक्षित किया गया है। फिलहाल शवों की पहचान के लिए डीएनए जांच की प्रक्रिया चल रही है।